मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में कोयला खदान के भीतर बाकी 13 खनिकों की तलाश के लिए चलाए जा रहे अभियान में अब आर्मी भी जुड़ गई है. अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. रक्षा प्रवक्ता रत्नाकर सिंह ने बताया, 'भारतीय नौसेना ने प्रशासनिक सहायता के जरिए आर्मी को बचाव अभियान में मदद करने का अनुरोध किया था और उसने वहां पर अब कैंप बनाए हैं.' उन्होंने कहा कि नौसेना के समर्थन के लिए आर्मी के 20-25 सदस्यों वाली टीम को तैनात किया गया है. सिंह ने कहा, 'कुशल, सुगम और लगातार अभियान के लिए जरूरत पड़ने पर नौसेना को प्रशासनिक सहायता प्रदान की जाएगी.' राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारतीय नौसेना, ओडिशा दमकल सेवा और राज्य एजेंसियों के करीब 200 बचावकर्मी खोज और बचाव अभियान में जुटे हुए हैं. मेन शाफ्ट के करीब 200 फुट नीचे दो सड़े गले शव मिले, लेकिन इसमें से केवल एक को निकाला जा सका और उन्हें असम में परिवार के हवाले कर दिया गया. कोयला खदान में 40 दिन तक फंसे रहने के बाद जिस खनिक का पहले शव बाहर निकाला गया उसकी पहचान असम के चिरांग जिले के आमिर हुसैन के रूप में की गई है. नौसेना ने करीब हफ्ते भर पहले ही इस शव का पता लगा लिया था. लेकिन काफी मशक्कत के बाद बाढ़ के पानी में 100 फीट नीचे से शव को मशीन की मदद से ऊपर लाया गया और क्रेन से इसे बाहर खींचा गया. गौरतलब है कि 13 दिसंबर, 2018 को पूर्वी जयंतिया हिल्स के लुमथारी गांव में कोयला खदान में 15 खनिक फंस गए थे.
Tuesday, 29 January 2019

Meghalaya coal mine tragedy: 50 दिन से फंसे खनिकों के रेस्क्यू में आर्मी भी हुई शामिल
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