रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राज्य की 26 प्रतिशत आबादी ही जल, जंगल और जमीन की चिंता करती है, बाकी की चिंता में पर्यावरण की सुरक्षा नहीं है। जब तक 100 प्रतिशत हाथ पर्यावरण की सुरक्षा में नहीं लगेंगे, हम पर्यावरण को नहीं बचा पाएंगे। वह रविवार को आरोग्य भवन स्थित विकास भारती द्वारा भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर आयोजित 'पर्यावरण संरक्षण जागरण सप्ताह' के समापन समारोह में बोल रही थीं।
राज्यपाल ने कहा कि जंगल है तो जीवन है। पर्यावरण से जल, जंगल और जमीन का गहरा रिश्ता बताते हुए राज्यपाल ने ओडिशा के अपने गांव का जिक्र किया, जहां लोग अपने गांव के जंगल की रक्षा करते हैं। ऐसा भी नहीं है कि वे आवश्यकता के अनुकूल लकड़ियों की कटाई नहीं करने देते, लेकिन बेवजह पेड़ों की कटाई पर उनकी सख्त निगरानी होती है। झारखंड के संदर्भ में यह प्रक्रिया बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में देश का 40 फीसद खनिज भंडार है, जिसका दोहन विकास के लिए जरूरी है। लेकिन इसकी भरपाई एक पेड़ कटने पर 10 पौधे लगाकर की जानी चाहिए।
अपने उद्बोधन के आरंभ में कहा कि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से भारी तादाद में आए पर्यावरण प्रेमी नागरिक, मानकी-मुंडा, पाहन आदि पर्यावरण की रक्षा में लगे हैं। यह काम वह सदियों से करते आए हैं। इसके लिए उन्हें बताने की जरूरत नहीं होती। वे प्रकृति के महत्व को जानते हैं। उनका जीवन प्रकृति के साथ गुजरता है। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज को जंगलों में और उसके आसपास बसने वाली जनजातीय आबादी से सीख लेनी चाहिए कि वह अपना सरना, मसना वहीं स्थापित करती है, जहा पेड़-पौधे होते हैं। उन्होंने विकास भारती के बिशुनपुर मुख्यालय में अपने परिभ्रमण का खास जिक्र भी किया। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण दिवस को रस्मी न बनाते हुए, व्यावहारिक जीवन में उतारने के लिए पौधरोपण और उसकी सुरक्षा पर समान रूप से जोर दिया जाना चाहिए। सरकार हर साल पौधरोपण पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन ये पौधे पेड़ के रूप में विकसित होकर हमारा जीवन तभी बचा पाएंगे, जब हम उन्हें पेड़ के रूप में तैयार होने देंगे और उनकी कटाई नहीं करेंगे। अन्यथा पौधे लगाना एक रस्मी रवायत बनी रहेगी और उसका कोई प्रतिफल नहीं मिलेगा। पेड़ को व्यवसाय नहीं माना जाए, बल्कि उसकी पूजा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ एक दिन नहीं, 365 दिन पर्यावरण दिवस मनाएं, तभी पर्यावरण की सुरक्षा संभव है।
इसके पूर्व विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने दो-तीन दशक पहले की राची और राज्य के अन्य इलाकों का जिक्र करते हुए कहा कि विकास की दौड़ में पर्यावरण पर आच आ रही है। इसे बचाना हम सभी की सामूहिक जवाबदेही है। उन्होंने इस संदर्भ में भगवान बिरसा मुंडा द्वारा किए गए प्रयास को न केवल याद करने, बल्कि उस पर अमल करने की भी जरूरत बताई। कहा कि बिरसा मुंडा यूं ही भगवान नहीं माने गए। वे एक तरफ आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, तो दूसरी तरफ पर्यावरण की सुरक्षा और जंगलों का विस्तार उनकी प्रथम प्राथमिकता में शामिल था। झारखंड को प्रकृति ने बिना मागे सुरक्षित पर्यावरण दिया था, लेकिन हमारी जरूरतों और उससे भी अधिक स्वार्थ-लिप्सा ने सारंडा जैसे घने जंगलों को भी विरल बना दिया। यह भावी पीढि़यों ही नहीं, बल्कि वर्तमान के लिए भी गंभीर चिंता और चुनौती का विषय है। इसके निराकरण का एकमात्र उपाय अधिक से अधिक पौधे लगाना और उनको पेड़ के रूप में विकसित होने देने तक तथा उसके बाद भी उनकी सुरक्षा करना है।
विषय प्रवेश कराते हुए विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि जल, जंगल, जमीन को नारे का विषय न मानकर इनकी सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास वक्त की माग है। इसके लिए सरकार पर पूरी तरह से आश्रित होना अपने वर्तमान और भविष्य के पाव पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा। सरकार बहुत करेगी तो पौधे उपलब्ध करा देगी या पौधरोपण करा देगी, लेकिन उन पौधों की सुरक्षा तो समाज की जवाबदेही है। उन्होंने पौधरोपण और पर्यावरण की सुरक्षा को जनांदोलन का रूप देने की पुरजोर वकालत की। इस मौके पर डॉ. प्रदीप मुंडा ने भी आदिवासी परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि आदिवासी जंगल के साथ जीते हैं। जंगल उनका जीवन है। दूसरे लोगों को आदिवासियों से सीखना चाहिए। मौके पर राज्यसभा सासद समीर उराव, गुमला विधायक शिवशकर उराव, खिजरी विधायक राम कुमार पाहन, हटिया विधायक नवीन कुमार जायसवाल, काके विधायक डॉ. जीतू चरण राम, माडर की विधायक गंगोत्री कुजूर, खाद्य सुरक्षा आयोग की सदस्य रंजना चौधरी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सत्यनारायण मुंडा, माडर के पूर्व विधायक गंगा टाना भगत और विकास भारती के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह शामिल थे। संचालन निखिलेश मैती एवं धन्यवाद ज्ञापन माडर विधायक गंगोत्री कुजूर ने किया। सिनगी दई छात्रावास का लोकार्पण पर्यावरण सुरक्षा हो सरकार की प्राथमिकता|
मौके पर विकास भारती द्वारा संचालित झारखंड सरकार की महती योजना सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना के प्रशिक्षुओं के लिए निर्मित सिनगी दई बालिका छात्रावास का लोकार्पण किया। माडर विधायक गंगोत्री कुजूर द्वारा विधायक निधि से विकास भारती को प्रदत्त एम्बुलेंस का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल के हाथों विकास भारती के राची कार्यालय परिसर में आम का पौधरोपण किया गया। पहान-मानकी सम्मानित
रांची और खूंटी जिले के वनों के परंपरागत रक्षक मानकी, मुंडा, बैगा, पुजार और पहान को राज्यपाल के हाथों अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इनमें दल सिंह मुंडा, रोहित मुंडा, पाटिल मुंडा, घासीराम मुंडा, बुचाराम मुंडा, निरंजन मुंडा, गोपाल सिंह मानकी, पुनहाराम मुंडा, धनंजय मुंडा, सोमा पहान, यादव मुंडा, कामदेव मुंडा, परमेश्वर सिंह मुंडा, अनूप कुमार मुंडा, छुतू मुंडा, कन्हैया मुंडा, मधु पहान, समल मुंडा, खुदी पहान, सनातन मुंडा, लक्ष्मण मुंडा, चैता मुंडा, कुदेश्वर मुंडा, अमित लिंडा, कांग्रेस मुंडा, राजेंद्र मुंडा, गुरुवा मुंडा, मोहन मुंडा, पंजाब मुंडा, लालू मुंडा, आशुतोष मुंडा शामिल हैं।
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