कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने देशद्रोह कानून के मुद्दे पर बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'आज के दौर में देशद्रोह कानून की कोई जरूरत नहीं है. यह साम्राज्यवादी कानून है. इस कानून को खत्म किया जाए.' न्यूज18 के मुताबिक सिब्बल ने कहा, 'देश को बचाने के लिए सरकार में बदलाव की जरूरत है.' उन्होंने कहा, 'असली देशद्रोह तब होता है जब सत्ता में बैठे लोग अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं, संस्थाओं से छेड़छाड़ करते हैं, शांति को भंग करते हैं और हिंसा को बढ़ावा देते हैं. ऐसे लोगों को 2019 में सजा दें.' सिब्बल ने कहा, 'सरकार बदलो, देश बचाओ.' उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और बाकी लोगों की चार्जशीट में देशद्रोह के आरोप लगे हैं.' Kapil Sibal, Senior Congress leader: There is no need for a sedition law in today's times, it is a colonial law. Many who merely speak or tweet against the Government have sedition charges imposed against them, it is being misused by Centre just to keep citizens in check pic.twitter.com/27Lmun5y8g — ANI (@ANI) January 16, 2019 गौरतलब है कि दिल्ली की एक अदालत ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ 2016 के जेएनयू देशद्रोह मामले में दायर आरोप पत्र पर विचार करने के लिए मंगलवार को 19 जनवरी की तारीख तय की थी. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल किए गए 1200 पन्नों की चार्जशीट पर मंगलवार को सुनवाई 19 जनवरी तक के लिए टल गई है. दिल्ली पुलिस ने बीते सोमवार को कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया था. दिल्ली पुलिस का कहना है कि कन्हैया कुमार ने जुलूस की अगुवाई की और जेएनयू परिसर में फरवरी 2016 में देश विरोधी नारे लगाए जाने का कथित तौर पर समर्थन किया था. पुलिस ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पर जेएनयू परिसर में, संसद हमले के मुख्य साजिशकर्ता अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की बरसी 9 फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप भी लगाया है. बता दें कि राजद्रोह के लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. पुलिस ने दावा किया कि उसके पास अपराध को साबित करने के लिए वीडियो क्लिप है, जिसकी गवाहों के बयानों से पुष्टि हुई है. ये भी पढ़ें: खुद को पीएम कैंडिडेट की तरह प्रोजेक्ट कर मायावती ने मोदी के साथ राहुल को भी दी चुनौती ये भी पढ़ें: राहुल की वजह से लिया था महागठबंधन से अलग होने का फैसला- नीतीश कुमार
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