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देवघर में युवा वर्ग को खेलकूद के प्रति आकर्षित करने और उन्हें आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से झारखंड सरकार द्वारा प्रखंड स्तर पर बड़ा स्टेडियम सहित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण करवाया गया था. खेल विभाग की लापरवाही के कारण देवघर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खंडहर में तब्दील होने के कारण अपराधियों का अड्डा बन गया है.
साल 2009 में खेल मंत्रालय ने लगभग 82 लाख रुपये की लागत से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया था जो आज तक अधूरा है. विभागीय लापरवाही के कारण न तो इसका निर्माण ही पूरा हुआ और न ही इसकी देखभाल की व्यवस्था हुई. जिसके कारण अब यह झाड़ियों में छिपकर खंडहर में तब्दील होकर अपराधियों का अड्डा बन गया है.
देवघर का यह एकलौता प्रखंड स्तरीय स्टेडियम नहीं है जहां खेलकूद के नाम पर सरकारी राशि की बर्बादी हुई है. जिले के अन्य प्रखंडों में भी स्टेडियम निर्माण के नाम पर सरकारी राशि का इसी तरह बर्बाद हुई है. मामला सामने आने पर पक्ष-विपक्ष के जनप्रतिनिधियों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे हैं.
कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए विधानसभा में सरकार से इस पर जबाब मांगने की बात कहीं है, तो वहीं सरकार के मंत्री इस पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दे रहे हैं.
देवघर में युवा वर्ग को खेलकूद के प्रति आकर्षित करने और उन्हें आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से झारखंड सरकार द्वारा प्रखंड स्तर पर बड़ा स्टेडियम सहित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण करवाया गया था. खेल विभाग की लापरवाही के कारण देवघर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खंडहर में तब्दील होने के कारण अपराधियों का अड्डा बन गया है.
साल 2009 में खेल मंत्रालय ने लगभग 82 लाख रुपये की लागत से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया था जो आज तक अधूरा है. विभागीय लापरवाही के कारण न तो इसका निर्माण ही पूरा हुआ और न ही इसकी देखभाल की व्यवस्था हुई. जिसके कारण अब यह झाड़ियों में छिपकर खंडहर में तब्दील होकर अपराधियों का अड्डा बन गया है.
देवघर का यह एकलौता प्रखंड स्तरीय स्टेडियम नहीं है जहां खेलकूद के नाम पर सरकारी राशि की बर्बादी हुई है. जिले के अन्य प्रखंडों में भी स्टेडियम निर्माण के नाम पर सरकारी राशि का इसी तरह बर्बाद हुई है. मामला सामने आने पर पक्ष-विपक्ष के जनप्रतिनिधियों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे हैं.
कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए विधानसभा में सरकार से इस पर जबाब मांगने की बात कहीं है, तो वहीं सरकार के मंत्री इस पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दे रहे हैं.
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