लातेहार : जिले के लाटू टोंगरी में गत दस नवंबर को माओवादियों के द्वारा फायरिंग करने एवं लैंड माइंस विस्फोट करने के पुलिसिया दावा की पोल घायल जवानों ने ही खोलनी शुरू कर दी है. सूत्रो का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस के आला अधिकारी इसे मुठभेड़ का नाम देना चाह रहे हैं, जबकि घायल जवान इंकार कर रहे हैं. दरअसल इस घटना के वक्त सीआरपीएफ 112 वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट एचएल गंगते अपने जवानों के साथ बुढ़ा पहाड़ के रास्ते में माओवादियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन में थे.
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तभी रास्ते में लैंड माइंस होने का अंदेशा हुआ. ग्रामीणों से पूछा तो ग्रामीणों ने कहा कि माओवादी उन्हें इस रास्ते पर चलने से मना करते हैं. बस पुलिस के जवान सर्तक हो गये. जवानों ने एक लैंड माइंस को खोज निकाला और उसे डिफ्यूज करने का प्रयास करने लगे. तभी सीज किये गये कई बमों में धमाके हो गये और श्री गंगते समेत चार जवान घायल हो गये.
घायलों में रेडियो आपरेटर नीतिश पांडेय, कांस्टेबल दीपक सिंह एवं गोपाल यादव शामिल हैं. सभी को हेलीकॉप्टर से रांची मेडिका ले जाया गया. उधर, अधिकारियों ने कहा कि माओवादियों ने हमला किया. इस हमले में जवान घायल हुए हैं. मालूम हो कि शीर्षस्थ माओवादी अरविंद जी एवं सुधाकरण जी को पकड़ने के नाम पर पिछले साल से बुढ़ा पहाड़ में सघन ऑपरेशन चलाया जा रहा है और करोड़ों रूपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन नतीजा शिफर रहा है.
बाहर हूं, बीमार हूं, जानकारी नहीं है : एसपी
लातेहार एसपी धनंजय कुमार सिंह का इस संबंध में कहना है कि वे बीमार हैं और बाहर हैं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
पहले भी दी थी गलत जानकारी
गत 15-16 अक्तूबर को बालुमाथ थाना क्षेत्र में पुलिस की दो टुकड़ियां आपस में ही भीड़ गयी थी और आइआरबी का जवान विवेश कुमार दूसरी ओर तैनात पुलिस की ही गोली से घायल हुआ और पुलिस के अधिकारियों ने टीपीसी के साथ मुठभेड़ की अफवाह उड़ायी.
क्या था मामला
लातेहार जिले के बारेसाढ़ थाने से 20 किमी दूर लाटू जंगल के चुलहा टोगरी में माओवादियों ने लैंड माइन ब्लास्ट किया था. घटना में सीआरपीएफ 122वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट एचएल गांग्टे सहित चार जवान घायल हो गये थे. घायल होनेवाले जवानों में रेडियो ऑपरेटर नीतीश पांडेय, सिपाही दीपक सिंह और गोपाल यादव शामिल थे. घटना शुक्रवार दिन के करीब 12.30 बजे की है. बताया जाता है कि जवान इसी रास्ते से गुजर रहे थे. लैंड माइन ब्लास्ट करने के बाद नक्सलियों ने जवानों को निशाना बना कर फायरिंग शुरू कर दी.
सीआरपीएफ जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की और नक्सलियों पर फायरिंग शुरू कर दी. करीब दो घंटे की मुठभेड़ के बाद नक्सली जंगल की ओर भाग गये. घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से तत्काल रांची लाया गया. सभी को मेडिका अस्पताल में इलाज चल रहा है. सभी खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं. सूचना मिलने के बाद सीआरपीएफ, पुलिस मुख्यालय और रांची पुलिस के कई अफसर मेडिका अस्पताल पहुंचे.
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