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Monday 25 February 2019

RisingIndia: पीएम मोदी बोले, पहले सिर्फ एक रुपए में से 15 पैसे पहुंचते थे अब हम पूरे 100 पैसे पहुंचा रहे हैं

News18RisingIndia कार्यक्रम के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 5 साल पहले हाल ये था कि जो घटना चाहिए था वो बढ़ रहा था लेकिन जिसे बढ़ना चाहिए था वो लगातार घटता जा रहा है. 

                                   मोदी ने कहा कि पहले 'महंगाई डायन' की चर्चा होती थी और महंगाई दर 10 प्रतिशत थी लेकिन यही दर अब 2 से 4 प्रतिशत हो गई है. ऐसा तभी होता है जब राजनीति की जगह राष्ट्रनीति पर फोकस किया जाता है. मोदी ने कहा कि जनधन योजना के तहत हमने लाभार्थियों के खाते में 6 लाख करोड़ जमा करवाए. सरकार की सवा चार सौ से ज्यादा योजनाओं का पैसा सीधे अकाउंट में जा रहे हैं. पहले सिर्फ एक रुपए में से 15 पैसे पहुंचते थे आज हम पूरे 100 पैसे पहुंचा रहे हैं. मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों ने देश में जो व्यवस्था बना रखी थी, उसमें एक-दो नहीं 8 करोड़ ऐसे फर्जी नाम और इनके नाम पर सरकारी लाभ ट्रांसफर किया जा रहा था. मोदी ने दावा किया कि सरकार के इस कोशिश से एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि इनकम टैक्स पर हमने छूट बढ़ाकर 5 लाख कर दी है. जिससे मध्यम वर्ग को सीधा फायदा होने वाला है. जीडीपी को लेकर मोदी ने कहा कि अटल जी की सरकार ने 2004 में यूपीए को 8 प्रतिशत विकास दर देकर गए थे लेकिन हमें ये दर यूपीए से 5 प्रतिशत ही मिली. जिसे अब हमने 7 से 8 प्रतिशत पहुंचा दिया है. वो बढ़े हुए को घटाकर गए थे और हमने घटे हुए को फिर से बढ़ा दिया. मोदी ने कहा कि 21वीं सदी हिन्दुस्तान की है इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग की रैंकिंग में भारत को 70वें स्थान पर पहुंचा दिया है. भारत की ग्लोबल स्टैंडिंग को हमने नई ऊंचाइयां दीं और सरकार के दृढ़ निश्चय और 125 करोड़ देशवासियों के परिश्रम के बल पर भारत को फास्टेस्ट ग्रोइंग इकॉनोमी में बदल दिया. पीएम ने कहा जरा सोचिए भारत जब सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है तो क्या ये संभव है कि बिना नौकरी को सृजित किए ये हो जाए? जब देश में एफडीआई All-Time High है तो क्या ये संभव है कि नौकरियां पैदा नहीं हो रही हों? जब कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट कह रही हैं कि भारत सबसे तेजी से गरीबी हटा रहा है तो क्या ये संभव है कि बिना नौकरी के लोग गरीबी से बाहर आ रहे हों? (साभार: न्यूज 18 हिंदी)

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