इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के बीते चार सीजनों में एफसी गोवा एक भी खिताब नहीं जीत पाई, लेकिन इस पांचवें सीजन में उसकी निरंतरता ने दूसरी टीमों को जरूर हैरत में डाल दिया है. टीम के कोच चाहे जिको हों या सर्जियो लोबेरा. चाहे गोवा ब्राजील की शैली सांबा में फुटबॉल खेले या स्पेन की टिकी टाका, एफसी गोवा आईएसएल के पहले सीजन-2014 से ही खिताब की दावेदारों में रही है. पांच में से चार सीजनों में गोवा ने प्लेऑफ में जगह बनाई है और एक बार फाइनल में प्रवेश किया है जहां वह चेन्नइयन से हार गई थी. कोई और टीम गोवा की सफलता की बराबरी नहीं कर पाई, एटीके और चेन्नइयन हालांकि तीन-तीन बार प्लेऑफ में पहुंची हैं. मैदान पर गोवा का प्रदर्शन हैरत में डालने वाला है. इस टीम के नाम आईएसएल में सबसे ज्यादा 36 गोल करने का रिकॉर्ड है. वहीं दो-दो बार की विजेता चेन्नइयन एफसी और एटीके ने क्रमशः 32 और 28 मैच जीते हैं. यह दोनों टीमें हालांकि इस सीजन प्लेऑफ में जगह नहीं बना सकीं हैं. गोवा ने पांचवें सीजन के अभी तक के खेल को मिलाकर आईएसएल में कुल 148 गोल किए हैं. इस मामले में उसके करीब चेन्नइयन है जिसने आईएसएल में कुल 126 गोल किए हैं. 2015 को छोड़कर गोवा ने जब भी प्लेऑफ में जगह बनाई है तब वह लीग दौर के बाद गोल डिफरेंस में बाकी टीमों से बेहतर रही है. 2016 के खराब सीजन के बाद गोवा ने लोबेरा के मार्गदर्शन में दो सीजनों में लगातार प्लेऑफ में जगह बनाई है. उसने लीग में सबसे रोमांचक फुटबॉल खेलने वाली टीम का दर्जा हासिल किया है. लोबेरा के साथ अच्छे सीजन में टीम ने अपने अटैक को पहले से और मजबूत किया है साथ ही निरंतरता भी उसके खेल में देखी गई है. डिफेंस ने भी धीरे-धीरे सुधार किया है. प्लेऑफ में जगह बनाने के बाद गोवा के कोच लोबेरा ने कहा, 'मैं खुश हूं क्योंकि हमने डिफेंस में भी काफी सुधार किया है. साथ ही हमने गोलपोस्ट के सामने कई मौके भी बनाए हैं. हमें जमीन पर रहने और लगातार मेहनत करने की जरूरत है.' इस लीग में जहां टीम की फॉर्म कभी अच्छी तो कभी बुरी रहती है, ऐसे में गोवा ने अपने खेल में निरंतरता को हमेशा बनाए रखा है. अब उसके सामने एक चुनौती है, वो है उस ट्रॉफी को पाने की जिससे वह अभी तक दूर ही रही है. आईएसएल का खिताब गोवा को पूरा बना देगा और गोवा के प्रशंसकों को झूमने का मौका देगा.
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