अरुण जेटली की गैर-मौजूदगी में वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश किया. हालांकि, यह पूर्ण बजट नहीं था, फिर भी लोकसभा चुनाव में उतरने से ठीक पहले सरकार की तरफ से हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की गई. चाहे गरीब तबका हो या फिर किसान या फिर मिडिल क्लास, सबको साधकर सरकार अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करती दिखी. लोकसभा में जब वित्त मंत्री पीयूष गोयल बजट पेश कर रहे थे तो उस वक्त सदन के भीतर का माहौल काफी खुशनुमा दिख रहा था. सरकार के मंत्रियों के अलावा बीजेपी और सहयोगी दलों के सांसदों की तरफ से सरकार के हर उस कदम की सराहना की जा रही थी, जिससे वोटों की फसल को और बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके. जैसे ही मिडिल क्लास को राहत देने के लिए इनकम टैक्स के स्लैब को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का ऐलान हुआ, वैसे ही पूरे सदन में मोदी-मोदी के नारे लगने लगे. ये बीजेपी के सांसद थे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में माहौल बना रहे थे. मोदी-मोदी के नारे से पूरा सदन गूंज रहा था. अक्सर मोदी की चुनावी रैलियों में इस तरह के नारे लगते हैं लेकिन, सदन के भीतर बीजेपी सांसदों ने भी कुछ ऐसा ही माहौल बना दिया. बजट में इस बात का प्रावधान किया गया है कि 5 लाख तक की सालाना आमदनी पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा. उसके बाद 1.50 लाख रुपए तक की आमदनी पर 80C के तहत छूट मिलेगा. 80 D में 50 हजार रुपए की छूट. इसके अलावा NPS करने पर 50 हजार रुपए की छूट मिलेगी. इस तरह कुल मिलाकर 7.50 लाख रुपए की आमदनी पर टैक्स नहीं देना होगा. मिडिल क्लास के अलावा किसानों को खुश करने के लिए भी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के जरिए मोदी सरकार ने उन किसानों को बड़ा तोहफा दिया है, जिनके पास 2 हेक्टेयर या फिर उससे कम जमीन हो. यानी 4.8 एकड़ जोत की भूमि वाले या फिर उससे कम भूमि वाले 12 करोड़ किसानों का इसका सीधा फायदा होगा. 6000 रुपए हर साल सीधे उनके एकाउंट में दिया जाएगा. सरकार ने इस योजना को पिछले साल 1 दिसंबर से ही लागू करने का फैसला कर लिया है. यानी चुनाव से ठीक पहले किसानों के एकाउंट में दिसंबर से लेकर मार्च तक के चार महीने के हिसाब से दो-दो हजार रुपए पहुंच जाएंगे. यह वो वक्त होगा, जब देश भर में चुनाव का माहौल होगा. गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से बार-बार सरकार से किसानों की कर्जमाफी की मांग की जाती रही है. राहुल गांधी कर्जमाफी का वादा भी कर रहे हैं. लेकिन, अब सरकार ने लघु और सीमांत किसानों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर कर उनको बड़ी राहत देने जा रही है. यह फैसला चुनाव से ठीक पहले गेम चेंजर हो सकता है. इसके अलावा सरकार की तरफ से गरीब मजदूरों को भी बड़ी राहत दी गई है. सरकार ने दस करोड़ मजदूरों के लिए पेंशन योजना की भी शुरुआत की है, जिसके तहत 60 साल के मजदूरों को कम-से-कम 3000 रुपए पेंशन के तौर पर मिलेगा. मजदूरों के कल्याण के लिए बीमा की बात को दोहराते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि जिन मजदूरों का ईपीएफ 2000 रुपए तक कटता है, उन्हें, 6 लाख रुपए तक की बीमा की सुविधा मिलेगी. सरकार की कोशिश गरीब और मजदूर तबके को चुनाव से पहले खुश करने की है. सदन में फील गुड का एहसास कराने वाले बजट को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खासे उत्साहित थे. वित्त मंत्री की तरफ से की जा रही हर घोषणा के बाद बीच-बीच में मोदी भी मेज थपथपाकर शाबाशी दे रहे थे. समाज के हर वर्ग को राहत देने और कोशिश में तैयार किए गए इस बजट की घोषणाओं से मोदी आत्मविश्वास से लबरेज दिख रहे थे. लेकिन, इन सबके बीच सदन के भीतर विपक्ष अवाक् था. एक के बाद एक की जा रही सभी लोक-लुभावन घोषणाओं के बीच सरकार की कोशिश चुनाव के लिए माहौल बनाने की थी लेकिन, विरोधियों को सरकार की यह पहल नागवार गुजरी है.
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