जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को भारतीय सेना के अधिकारी मेजर रोहित शुक्ला का अपमान करते हुए कहा कि अधिकारी ने एक मामले की जांच करते हुए जम्मू-कश्मीर के युवा को 'प्रताड़ित' किया है. युवक पुलवामा के एसएमएचएस अस्पताल में भर्ती था. ये कैसा सैनिक जो अपने ही बच्चों पर अत्याचार करे इस अस्पताल का दौरा करने गई पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शुक्ला ने उसका गला दबाया और उसे बंदूक कंधे पर रख कर पोज़ करने को कहा. मुफ्ती ने दौरे के बाद कहा, 'वह किस तरह का सैनिक है? एक सैनिक जो अपने ही बच्चों, जम्मू और कश्मीर के बच्चों पर अत्याचार कर रहा है?' महबूबा मुफ्ती के मेजर शुक्ला पर दिए बयान को राज्य के गवर्नर ने बेतुका बताया है. गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा, 'चुनाव का वक्त है, उनकी पार्टी टूट रही है, खराब हाल में है. वो इसी किस्म के सपोर्ट से ताकत में आई थीं. उनको गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. हमारे सुरक्षा बलों का किसी महबूबा मुफ्ती जी के बयान से मनोबल नहीं गिरने दिया जाएगा.' J&K Gov on Mehbooba Mufti's remark: Chunaav ka waqt hai, unki party toot rahi hai, kharab haal mein hai. Wo isi kism ke support se taakat mein aayi thi, unko seriously lene ki zarurat nahi. Humare suraksha balon ka kisi Mehbooba Mufti ji ke bayan se manobal nahi girne diya jayega pic.twitter.com/PlI94l26l1 — ANI (@ANI) February 6, 2019 तौसीब का भाई भी सेना में, लेकिन लापता टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक मुफ्ती ने कहा, 'युवक का नाम तौसीब है. उन्होंने (मेजर शुक्ला ने) उसे कैंट बुलाया. तौसीब के पिता को कुछ साल पहले आतंकवादियों ने मार दिया था. उसका भाई सेना में है और जुलाई से लापता है. मेजर शुक्ला ने उन्हें सेना के शिविर में बुलाया. वहां पर, उन्होंने उसकी पिटाई की. उसे अपने कंधे पर बंदूक के साथ पोज़ देने के लिए कहा गया ताकि वे एक तस्वीर क्लिक कर सकें.' मुफ्ती ने आगे कहा, 'उसे कंधे पर बंदूक नहीं रखने पर जान से मारने की धमकी दी गई. हमने सुना है कि मेजर शुक्ला एक बहादुर सैनिक हैं. वह किस तरह के सैनिक हैं? एक सैनिक जो अपने ही बच्चों पर अत्याचार कर रहा है, जम्मू-कश्मीर के बच्चों पर अत्याचार कर रहा है? इसे बहादुरी नहीं कहा जाता है.' जीतेंद्र सिंह ने बताया पक्षपाती बयान इस बयान पर केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने भी पलटवार किया है. उन्होंने इसे मानवाधिकारों की पक्षपाती निंदा बताया है. उन्होंने कहा, 'ये नेता मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी की मौत पर बहुत जल्दी सहानुभूति व्यक्त करते हैं. लेकिन ड्यूटी पर शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मी की सहानुभूति में ये लोग एक शब्द भी नहीं कहते.' Jitendra Singh on Mehbooba Mufti: But the people of Kashmir now have begun to see through this duplicity. Since election is here they're trying to appease a certain constituency but this isn't going to work because the tricks of last election aren't going to work in this election https://t.co/SUG99QlJPw — ANI (@ANI) February 6, 2019 इसी के साथ जीतेंद्र सिंह ने कहा, 'कश्मीर के लोग अब इस दोहरेपन को देखने लगे हैं. क्योंकि अब चुनाव आ रहे हैं, वे एक निश्चित निर्वाचन क्षेत्र को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस बार यह तरीका काम करने वाला नहीं है क्योंकि पिछले चुनाव की नीतियां इस चुनाव में काम नहीं करेंगी.' शौर्य चक्र विजेता हैं मेजर शुक्ला मेजर शुक्ला शौर्य चक्र विजेता हैं उन्हें हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकवादी समीर टाइगर को पिछले साल अप्रैल में मार गिराने के बाद यह सम्मान मिला था. मेजर शुक्ला कथित तौर पर राइफलमैन औरंगजेब की निर्मम हत्या के सिलसिले में तौसीब से पूछताछ कर रहे थे. भारतीय सेना के जवान औरंगजेब को जून 2018 में तब मार दिया गया था, जब वह ईद के लिए अपने घर जा रहा था.
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