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Monday 21 January 2019

LJP ने राजनीति में भाषा की मर्यादा बनाए रखने के लिए BJP और RJD को दी नसीहत

बीजेपी विधायक साधना सिंह के बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर सियासत तेज हो गई है. विपक्षी पार्टियों के अलावा एनडीए की सहयोगी लोकजन शक्ति पार्टी (एलजेपी) ने भी इसे लेकर बीजेपी को नसीहत दी है. उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया, 'एनडीए के सभी नेताओं से आग्रह करना चाहूंगा कि लोकतंत्र का त्योहार दस्तक देने जा रहा. हम सभी को इसका अपने बीते हुए पांच वर्ष में किए गए विकास कार्यों के साथ स्वागत करना चाहिए. ना कि अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर के. ताकि जनता हमारा आकलन विकास के कार्यों के आधार पर कर सके.' एन॰डी॰ए॰के सभी नेताओं से आग्रह करना चाहूँगा की लोकतंत्र का त्योहार दस्तक देने जा रहा।हम सभी को इसकाअपने बीते हुए पाँच वर्ष में किए गए विकास कार्यों के साथ स्वागत करना चाहिए ना की अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर के।ताकि जनता हमारा आंकलन विकास के कार्यों के आधार पर कर सके — Chirag Paswan (@ichiragpaswan) January 21, 2019 चिराग ने लिखा, 'पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जी के उपर सहयोगी दल की नेत्री ने बेहद शर्मनाक भाषा का प्रयोग किया था जो निंदनीय है. लेकिन कल शाम (रविवार) बीजेपी नेत्री ने इसपर खेद जताया है. किसी भी दल के लोगों को अनुचित भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए.' पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय मायावती जी के उपर सहयोगी दल की नेत्रि ने बेहद शर्मनाक भाषा का प्रयोग किया था जो निंदनीय है।लेकिन कल शाम बी॰जे॰पी॰ नेत्रि ने इसपे खेद जताया है।किसी भी दल के लोगों को अनुचित भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। — Chirag Paswan (@ichiragpaswan) January 21, 2019 इसके बाद उन्होंने मीसा भारती के केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव पर हाल में दिए आपत्तिजनक बयान के लिए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को आड़े हाथों लिया. उन्होंने ट्वीट किया, 'परिवारवाद के कारण राजनीति में आना जरूर आसान होता है परंतु आने के बाद लगातार इसमें अपनी जगह बनानी पड़ती है. जगह बनाते समय अपनों से बड़ों के अनुभव का सम्मान करना भी जरूरी है और भाषा पर नियंत्रण रखना भी जरूरी है.' परिवारवाद के कारण राजनीत में आना ज़रूर आसान होता है परंतु आने के बाद लगातार इसमें अपनी जगह बनानी पड़ती है।जगह बनाते समय अपनो से बड़ों के अनुभव का सम्मान करना भी ज़रूरी है और भाषा पर नियंत्रण रखना भी ज़रूरी है। — Chirag Paswan (@ichiragpaswan) January 21, 2019 राज्यसभा सांसद @MisaBharti जी द्वारा अपने चाचा व बिहार प्रदेश के लोकप्रिय व केंद्र सरकार में मंत्री आदरणीय राम कृपाल यादव जी @ramkripalmp के बारें में जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया है व परिवारवाद से सिखा हुआ नहीं है।इस तरह की भाषा का श्रोत कहीं और से। — Chirag Paswan (@ichiragpaswan) January 21, 2019 चिराग ने इस दौरान लालू यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने रांची जेल में बंद रहने के दौरान ऐसी भाषा सीखी और सबको (अपने परिवार) सिखाई है. इस प्रकार की आक्रामक व अशोभनिय भाषा का प्रयोग आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी @laluprasadrjd से राँची जेल में मिलने के क्रम में वहाँ बंद अपराधियों से सिखा ज्ञान है। — Chirag Paswan (@ichiragpaswan) January 21, 2019 बता दें कि बीते 16 जनवरी को पटना के पास विक्रम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए लालू की बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने कहा था, 'जब मुझे पता चला कि राम कृपाल आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं, मेरा मन किया कि मैं उनके हाथ काट दूं.' मीसा ने कहा, 'वो (राम कृपाल यादव) हमारे यहां चारा काटते थे. उनके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान था. लेकिन उनके लिए हमारा यह सम्मान तब खत्म हो गया जब उन्होंने सुशील कुमार मोदी से हाथ मिला लिया. उस समय मेरा मन किया था कि उसी चारा काटने वाली मशीन से उनके हाथ काट दूं.'

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