राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को विधायक हनुमान बेनीवाल ने राज्यपाल के खिलाफ टिप्पणी की, जिसपर काफी हंगामा हुआ. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल ने राज्यपाल कल्याण सिंह के अभिभाषण के दौरान उनके खिलाफ टिप्पणी की, जिसपर सदन में बहुत हंगामा हुआ. विधायक बेनीवाल अभिभाषण के दौरान विधानसभा के सचिव की कुर्सी के पास बने प्लेटफार्म पर चढ़ गए और राज्यपाल के खिलाफ टिप्पणियां कीं और उनका ध्यान भंग करने की कोशिश की. इस पर विपक्षी सदस्यों ने बेनीवाल पर कार्रवाई की मांग की. विधानसभा में 11 बजे जैसे ही राज्यपाल अभिभाषण देने पहुंचे बेनीवाल ने किसानों से जुड़े मुद्दे उठाए और मूंग की खरीद की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि सरकार मूंग की खरीद नहीं कर रही है जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच राज्यपाल ने अपना भाषण चालू रखा और सदन के नव निर्वाचित सदस्यों को बधाई दी. उन्होंने कुछ ही पंक्तियां पढ़ी थीं कि संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने आग्रह किया कि राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लिया जाए और पेश कर दिया जाए. हालांकि राज्यपाल ने अपना अभिभाषण जारी रखा. बेनीवाल ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया और उनकी पार्टी के दो अन्य सदस्यों के साथ आसन के समक्ष बने प्लेटफार्म पर चढ़कर संसदीय कार्यमंत्री के अभिभाषण को पढ़ा मानने के आग्रह को नहीं मानने पर टिप्पणी की इससे विपक्षी सदस्य नाराज हो गए. राज्यपाल ने अभिभाषण की कुछ पंक्तियां पढ़ने के बाद अभिभाषण को सदन पटल पर रख दिया और परंपराओं के अनुसार सदन से चले गए. सदन की कार्यवाही जैसे ही दुबारा शुरू हुई विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने विधायक हनुमान बेनीवाल के सदन में उनके व्यवहार की निंदा की और उन्हें दुबारा ऐसी गलती नहीं करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि विधायक की ओर से उठाया गया मुद्दा महत्वपूर्ण हो सकता है लेकिन उन मामलों को सदन में उठाने के लिए नियम-कानून बने हुए है और सदस्यों को उन नियम और कानून का पालन करनी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने बेनीवाल के व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे सदन की गरिमा को चोट पहुंची है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उनके संबोधन के दौरान बेनीवाल और कटारिया में तीखी नोकझोंक हुई. बेनीवाल और बीएसपी विधायक राजेंद्र गुढा और अन्य विधायक फिर से आसन के सामने आ गए. बीजेपी के सदस्य भी विरोध प्रकट करते हुए आसन के समक्ष पहुंच गए और हंगामा किया. कुछ देर के विरोध के बाद विधानसभा अध्यक्ष के लगातार आग्रह पर सभी सदस्य अपनी-अपनी जगह पर वापस चले गए. इसी दौरान बीजेपी विधायक राजेंद्र राठौड ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हुए हंगामे में मुस्कुराने का आरोप लगाया. इसी बीच सदन के नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वे बेनीवाल के व्यवहार की निंदा करते है. विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सदस्यों को पुरानी बातें भूल कर नई शुरूआत करनी चाहिए, जिसके बाद सदन की कार्यवाही पूरी की गई. (एजेंसी के इनपुट के साथ)
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