अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू पर लगा प्रतिबंध बुधवार को हटा दिया. अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) और संजीता चानू को यह जानकारी दी आईडब्ल्यूएफ की वकील ईवा न्यिरफा ने एक पत्र में कहा, ‘प्राप्त सूचना के आधार पर इसका निपटारा करते हुए आईडब्ल्यूएफ ने एथलीट (संजीता चानू) के अस्थायी निलंबन को हटाने का निर्णय लिया है.’ संजीता ने गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. वह ‘एनाबॉलिक स्टेरॉयड टेस्टोस्टेरोन’ परीक्षण में पॉजिटिव पाई गई थीं. इसके बाद पिछले साल मई में उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था. खुद को निर्दोष साबित करने में जुटी संजीता चानू की परेशानी पिछले सितंबर में तब बढ़ गई थी जब उनका ‘बी’ नमूना भी पॉजीटिव पाया गया था. लेकिन उन्होंने अपना मामला अंतरराष्ट्रीय संस्था के सुनवाई पैनल के सामने रखने का फैसला किया था. तब संजीता के भाई बिजेन सिंह ने कहा था, ‘बी’ नमूने का परीक्षण संजीता के पास 11 सितंबर को भेजा गया था और हम बुडापेस्ट में आईडब्ल्यूएफ सुनवाई पैनल के सामने अपना मामला रखेंगे. हम इस मामले की आईडब्ल्यूएफ की गलतियों को उजागर करेंगे. उसने (अंतरराष्ट्रीय संस्था) अपनी गलतियां स्वीकार की हैं. हम मामले में जीत के प्रति आश्वस्त हैं.’ ये भी पढ़ें- Australian Open 2019: प्लिसकोवा ने तोड़ा सेरेना का रिकॉर्ड 24 ग्रैंडस्लैम की बराबरी करने का सपना आईडब्ल्यूएफ ने इससे पहले स्वीकार किया था कि उसकी तरफ से प्रशासनिक गलती हुई थी. उसने संजीता के 15 मई के डोपिंग में पॉजीटिव पाये जाने के मामले में दो भिन्न नमूना संख्याओं का उल्लेख किया था और संजीता ने इसकी जांच करने की मांग की थी. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ के गलती स्वीकार करने का वास्तविक डोपिंग मामले पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. ये भी पढ़ें- बच्चन परिवार ने दिखाई आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी संजीता का ‘ए’ नमूना विश्व चैंपियनशिप से पहले 18 नवंबर को अमेरिका को प्रतियोगिता से इतर लिया था. यह नमूना एनाबोलिक स्टेरायड के लिए पॉजीटिव पाया गया था. इसका परिणाम हालांकि 15 मई को आया जब संजीता को अस्थायी निलंबित किया गया. ‘बी’ नमूने की जांच का आग्रह जून में किया गया जिसका परिणाम 11 सितंबर को आया. संजीता ने आईडब्ल्यूएफ से उस वेटलिफ्टर के नाम का भी खुलासा करने का आग्रह किया है जिसके नमूने का नंबर 1599176 है और जिसका उसे भेजे गए पत्र में उल्लेख था.
Wednesday, 23 January 2019
वेटलिफ्टर संजीता चानू को मिली बड़ी राहत, आईडब्ल्यूएफ ने प्रतिबंध हटाया
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू पर लगा प्रतिबंध बुधवार को हटा दिया. अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) और संजीता चानू को यह जानकारी दी आईडब्ल्यूएफ की वकील ईवा न्यिरफा ने एक पत्र में कहा, ‘प्राप्त सूचना के आधार पर इसका निपटारा करते हुए आईडब्ल्यूएफ ने एथलीट (संजीता चानू) के अस्थायी निलंबन को हटाने का निर्णय लिया है.’ संजीता ने गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. वह ‘एनाबॉलिक स्टेरॉयड टेस्टोस्टेरोन’ परीक्षण में पॉजिटिव पाई गई थीं. इसके बाद पिछले साल मई में उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था. खुद को निर्दोष साबित करने में जुटी संजीता चानू की परेशानी पिछले सितंबर में तब बढ़ गई थी जब उनका ‘बी’ नमूना भी पॉजीटिव पाया गया था. लेकिन उन्होंने अपना मामला अंतरराष्ट्रीय संस्था के सुनवाई पैनल के सामने रखने का फैसला किया था. तब संजीता के भाई बिजेन सिंह ने कहा था, ‘बी’ नमूने का परीक्षण संजीता के पास 11 सितंबर को भेजा गया था और हम बुडापेस्ट में आईडब्ल्यूएफ सुनवाई पैनल के सामने अपना मामला रखेंगे. हम इस मामले की आईडब्ल्यूएफ की गलतियों को उजागर करेंगे. उसने (अंतरराष्ट्रीय संस्था) अपनी गलतियां स्वीकार की हैं. हम मामले में जीत के प्रति आश्वस्त हैं.’ ये भी पढ़ें- Australian Open 2019: प्लिसकोवा ने तोड़ा सेरेना का रिकॉर्ड 24 ग्रैंडस्लैम की बराबरी करने का सपना आईडब्ल्यूएफ ने इससे पहले स्वीकार किया था कि उसकी तरफ से प्रशासनिक गलती हुई थी. उसने संजीता के 15 मई के डोपिंग में पॉजीटिव पाये जाने के मामले में दो भिन्न नमूना संख्याओं का उल्लेख किया था और संजीता ने इसकी जांच करने की मांग की थी. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ के गलती स्वीकार करने का वास्तविक डोपिंग मामले पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. ये भी पढ़ें- बच्चन परिवार ने दिखाई आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी संजीता का ‘ए’ नमूना विश्व चैंपियनशिप से पहले 18 नवंबर को अमेरिका को प्रतियोगिता से इतर लिया था. यह नमूना एनाबोलिक स्टेरायड के लिए पॉजीटिव पाया गया था. इसका परिणाम हालांकि 15 मई को आया जब संजीता को अस्थायी निलंबित किया गया. ‘बी’ नमूने की जांच का आग्रह जून में किया गया जिसका परिणाम 11 सितंबर को आया. संजीता ने आईडब्ल्यूएफ से उस वेटलिफ्टर के नाम का भी खुलासा करने का आग्रह किया है जिसके नमूने का नंबर 1599176 है और जिसका उसे भेजे गए पत्र में उल्लेख था.
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