सरकार सेंसरशिप लगाए उसके पहले ही नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार अपने कंटेंट का करेंगे रेगुलेशन - LiveNow24x7: Latest News, breaking news, 24/7 news,live news

 LiveNow24x7: Latest News, breaking news, 24/7 news,live news

खबरें जो सच बोले

Breaking

Thursday, 17 January 2019

सरकार सेंसरशिप लगाए उसके पहले ही नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार अपने कंटेंट का करेंगे रेगुलेशन

बीते साल नेटफ्लिक्स पर एक सीरीज आई थी. नाम था सेक्रेड गेम्स. सीरीज काफी विवादों में रही. यहां तक कि सीरीज में पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी के ऊपर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद नेटफ्लिक्स को एक शिकायतकर्ता की शिकायत पर कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी. इस घटना के बाद ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार और अमेजन प्राइम को यह चिंता सताने लगी कि सरकार चाहे तो किसी भी समय इन प्लेटफॉर्म पर रिलीज किए जा रहे कंटेट को रेगुलेट कर सकती है. यही वजह है कि ये प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स इंक और हॉटस्टार ने संभावित सरकारी सेंसरशिप को रोकने के लिए भारत में अपने प्लेटफॉर्म पर रिलीज की गई वीडियोज के कंटेंट के लिए स्व-विनियमन दिशानिर्देशों (सेल्फ-रेगुलेशन गाइडलाइन्स) को अपनाने की योजना बनाई है. भारत में रिलीज होने वाली फिल्मों और टीवी पर चलने वाले धारावाहिकों की सेंसरशिप फिल्म और टेलीविजन बॉडी करती है. फिलहाल ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की सेंसरशिप के लिए ऐसी कोई बॉडी या नियम-कानून उपलब्ध नहीं हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अब नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार और अन्य लोकल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म खुद से ही अपना कंटेंट रेगुलेशन करेंगी. ये प्लेटफॉर्म ऐसे कंटेंट पर प्रतिबंध लगाएंगे जिसमें किसी बच्चे को 'वास्तविक या नकली यौन गतिविधियों में लिप्त' दिखाया गया हो, या जिसमें भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है, या किसी भी दृश्य में 'आतंकवाद' को प्रोत्साहित करने जैसी चीज कही या दिखाई गई हो. अमेजन इंक प्राइम वीडियो ऐसे किसी भी मसौदे का पालन नहीं करेगी  हालांकि अमेजन इंक के प्राइम वीडियो ने ऐसे किसी नियम-कानून के मसौदे पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है. कंपनी का कहना है कि जब तक सरकार के तरफ से ऐसा कोई अनिवार्य रेगुलेशन नहीं आ जाता, तब तक वह ऐसे मसौदे का पालन नहीं करेगी. जबकि मसौदे को तैयार करने में अमेजन इंक प्राइम वीडियो का भी सहयोग था. मसौदा तैयार करने वाले इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुभो रे ने कहा कि इस मसौदे को गुरुवार को सार्वजनिक किया जाएगा. मसौदे के अंतिम संस्करण में कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं. वहीं अमेजन प्राइम वीडियो ने अपने एक बयान में कहा कि वह स्थिति का आंकलन कर रहा है. उनके हिसाब से मौजूदा कानून पर्याप्त हैं. ऐसे में वह इस नए मसौदे पर हस्ताक्षर नहीं करेगा. इधर हॉटस्टार, नेटफ्लिक्स और स्टार इंडिया ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. ड्राफ्ट कोड के मसौदे में यह भी कहा गया है कि जो कंपनियां इस पर हस्ताक्षर करती हैं उन्हें अपने प्लेटफॉर्म के ऐसे कंटेंट जिनमें जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण रूप से किसी भी वर्ग, अनुभाग या समुदाय की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने की क्षमता है, उसे प्रतिबंधित करना होगा. वहीं ऑनलाइन स्ट्रीमिंग कंपनियां किसी भी उपभोक्ता संबंधी शिकायतों को प्राप्त करने और पता करने के लिए किसी व्यक्ति, टीम या विभाग को आंतरिक रूप से नियुक्त करेंगी.

No comments:

Post a Comment

Sports

Pages