26 साल गुरू शिष्य परंपरा में संगीत सीखने के बाद जब उस्ताद नहीं रहे तब केसरबाई केरकर ने अकेले मंचीय प्रस्तुतियां देना शुरू किया
26 साल गुरू शिष्य परंपरा में संगीत सीखने के बाद जब उस्ताद नहीं रहे तब केसरबाई केरकर ने अकेले मंचीय प्रस्तुतियां देना शुरू किया
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