धनबाद (झारखंड)। यहां के झरिया इलाके में राशन कार्ड नहीं बनने के कारण आर्थिक तंगी और भूख से एक 40 साल के व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की वाइफ ने बताया कि हाल के दिनों में स्थिति यह हो गई थी कि अगर सुबह खाना बनता तो शाम को नहीं बन पाता था। कभी - कभार दोनों वक्त खाना नहीं बना करता था। बच्चे भूख से बिलखते रहते थे। उनका पति असहाय पड़ा रहता था। मालूम हो कि 28 सितंबर को सिमडेगा में 10 साल की बच्ची संतोषी की भी मौत भूख की वजह से हो गई थी। इसके बाद से राज्य सरकार को विपक्ष ने घेर रखा है।
चार वर्ष पहले ही बंद हो गया था राशन का मिलना...
- मृतक वैद्यनाथ रविदास की वाइफ पार्वती देवी ने बताया कि उनके बड़े भाई जागो रविदास के नाम से राशन कार्ड था। उसी कार्ड में इनके पूरे परिवार का नाम था।
- चार वर्ष पूर्व उनकी मौत हो गई थी। एक- दो महीने बाद राशन मिलना बंद हो गया था। बेटे के साथ स्थानीय पार्षद ऑफिस का चक्कर लगा कर वो थक गई थी। उसका राशन कार्ड नहीं बना।
- दस दिनों पूर्व उसने ऑनलाईन आवेदन भी किया था। राशन कार्ड नहीं होने के कारण बीपीएल लिस्ट से भी उनका नाम कट गया था। वाइफ का कहना है कि अगर नियमित रूप से राशन मिलता तो उसका पति अाज जीवित होते।
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