जमशेदपुर से करीब 95 किलोमीटर दूर बहरागोड़ा प्रखंड के बड़शोल थानांतर्गत कुमारडुबी गांव में रविवार शाम एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने और गैस सिलेंडरों के फटने से एक महिला समेत सात लोगों की मौत हो गई।
घर में ही जिंदा जल गई महिला : स्थानीय लोगों के अनुसार, तीन मंजिला मकान में चल रही फैक्ट्री में पटाखे बनाने के दौरान रविवार शाम लगभग साढ़े चार बजे आग लग गई। आग की चपेट में आने से तीन गैस सिलेंडर बारी-बारी से फटने लगे। इसके बाद स्थिति भयावह हो गई। हर तरफ आग की लपटें उठने लगीं। चार घंटे तक रूक-रूक कर पटाखों का शोर सुनाई देता रहा। तीन मंजिला मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया। मकान मालिक और पटाखा कारोबारी दुर्गापदो सांतरा की मां अंबिका सांतरा (60 वर्ष) की घर में ही जिंदा जलने से मौत हो गई। घटना के बाद से दुर्गापदो सांतरा और उनके भाई-भतीजे परिवार समेत फरार हो गए हैं
पांच घंटे में बुझी आग : घटना के बाद राज्य सरकार के बहरागोड़ा स्थित अग्निशमण केंद्र से पहुंचे दमकल के सहारे 9.30 बजे आग पर काबू पाया जा सका। आग कैसे लगी यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। एडीएम (लॉ एंड आर्डर) सुबोध कुमार और ग्रामीण एसपी प्रभात कुमार देर रात घटना की जांच करने कुमारडुबी पहुंचे।
हर तरफ मच गई चीख-पुकार : घटना के वक्त आसपास रहने वाले लोगों में चीख-पुकार मच गई। पटाखों का शोर और आग की लपटें देख सबके होश उड़े थे। दुर्गापदो के मकान के आसपास बने घरों से निकलकर लोग अपनी जान बचाने के लिए बाहर की ओर भागने लगे। किसी को कुछ नहीं सूझ रहा था।
एंबुलेंस-दमकल के साथ पहुंचे कुणाल : घटना की सूचना पाकर बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी एंबुलेंस और दमकल साथ लेकर पहुंचे थे। उनके साथ उनके पिता एवं राज्य के पूर्व मंत्री डॉ. दिनेश षाड़ंगी भी घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद सांसद विद्युतवरण महतो, डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी एवं अन्य नेता भी पहुंच गए।
50 साल से चल रही थी फैक्ट्री : लोगों के अनुसार, पटाखे की यह फैक्ट्री 50 वर्षों से बिना लाइसेंस के ही चल रही थी। इस दौरान प्रशासन या पुलिस के किसी अधिकारी का ध्यान उसपर नहीं गया। जिस तीन मंजिले मकान में आग लगी उसके निचले हिस्से में कपड़े की दुकान थी। शेष पूरे मकान में पटाखा बनाया जाता था।
घर में ही जिंदा जल गई महिला : स्थानीय लोगों के अनुसार, तीन मंजिला मकान में चल रही फैक्ट्री में पटाखे बनाने के दौरान रविवार शाम लगभग साढ़े चार बजे आग लग गई। आग की चपेट में आने से तीन गैस सिलेंडर बारी-बारी से फटने लगे। इसके बाद स्थिति भयावह हो गई। हर तरफ आग की लपटें उठने लगीं। चार घंटे तक रूक-रूक कर पटाखों का शोर सुनाई देता रहा। तीन मंजिला मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया। मकान मालिक और पटाखा कारोबारी दुर्गापदो सांतरा की मां अंबिका सांतरा (60 वर्ष) की घर में ही जिंदा जलने से मौत हो गई। घटना के बाद से दुर्गापदो सांतरा और उनके भाई-भतीजे परिवार समेत फरार हो गए हैं
पांच घंटे में बुझी आग : घटना के बाद राज्य सरकार के बहरागोड़ा स्थित अग्निशमण केंद्र से पहुंचे दमकल के सहारे 9.30 बजे आग पर काबू पाया जा सका। आग कैसे लगी यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। एडीएम (लॉ एंड आर्डर) सुबोध कुमार और ग्रामीण एसपी प्रभात कुमार देर रात घटना की जांच करने कुमारडुबी पहुंचे।
हर तरफ मच गई चीख-पुकार : घटना के वक्त आसपास रहने वाले लोगों में चीख-पुकार मच गई। पटाखों का शोर और आग की लपटें देख सबके होश उड़े थे। दुर्गापदो के मकान के आसपास बने घरों से निकलकर लोग अपनी जान बचाने के लिए बाहर की ओर भागने लगे। किसी को कुछ नहीं सूझ रहा था।
एंबुलेंस-दमकल के साथ पहुंचे कुणाल : घटना की सूचना पाकर बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी एंबुलेंस और दमकल साथ लेकर पहुंचे थे। उनके साथ उनके पिता एवं राज्य के पूर्व मंत्री डॉ. दिनेश षाड़ंगी भी घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद सांसद विद्युतवरण महतो, डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी एवं अन्य नेता भी पहुंच गए।
50 साल से चल रही थी फैक्ट्री : लोगों के अनुसार, पटाखे की यह फैक्ट्री 50 वर्षों से बिना लाइसेंस के ही चल रही थी। इस दौरान प्रशासन या पुलिस के किसी अधिकारी का ध्यान उसपर नहीं गया। जिस तीन मंजिले मकान में आग लगी उसके निचले हिस्से में कपड़े की दुकान थी। शेष पूरे मकान में पटाखा बनाया जाता था।
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