प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार यानी आज पटना के गांधी मैदान में एनडीए की एक बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं. इस विजय संकल्प रैली पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. दरअसल 10 साल बाद ऐसा होने जा रहा है जब पीएम मोदी आर नीतीश किसी राजनीतिक मंच पर एक साथ नजर आएंगे. हालांकि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच की जुबानी जंग काफी चर्चा में रही थी लेकिन 4 साल के दौरान राजानीति की तस्वीर काफी बदल चुकी है. बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) और जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) की बिहार में गठबंधन सरकार है. साथ ही मोदी-नीतीश के संबंध भी नए दौर में पहुंच चुके हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पटना में एनडीए की इस रैली में जब दोनों नेता एक सियासी मंच पर दिखेंगे तो सभी की निगाहें उन पर टिकी रहेंगी. वहीं उत्तरप्रदेश के अमेठी में पीएम बनने के बाद मोदी पहली बार पहुंच रहे हैं. यहां वह असॉल्ट राइफल की नई यूनिट का लोकार्पण करेंगे. इसके साथ ही 538 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे. राजीव गांधी के सत्ता के शिखर से उतरने के 29 साल बाद कोई प्रधानमंत्री अमेठी आ रहा है. इंदिरा और राजीव गांधी के बाद नरेंद्र मोदी अमेठी पहुंचकर विकास कार्यों की आधारशिला रखने वाले देश के तीसरे और गैर-कांग्रेसी पहले प्रधानमंत्री होंगे. वैसे मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के पक्ष में वोट मांगने के लिए यहां आए थे. बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए के अभियान की इस बड़ी रैली के साथ शुरुआत होगी. पीएम मोदी और नीतीश कुमार दोनों हाल के वर्षों में कई बार सरकारी और धार्मिक कार्यक्रमों में मंच साझा कर चुके हैं लेकिन जुलाई 2017 में बीजेपी के साथ जेडीयू की दोबारा दोस्ती होने के बाद यह पहला मौका होगा जब पीएम मोदी और नीतीश किसी सियासी रैली में एक साथ नजर आएंगे. 2014 में इसी गांधी मैदान में जब मोदी एक रैली को संबोधित कर रहे थे, तब बम धमाका हुआ था. उस घटना को देखते हुए इस बार पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि पीएम की रैली में सुरक्षा के लिए पुलिस के 4,000 जवान तैनात रहेंगे. इसके अलावा स्थानीय रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं सभी आने-जाने वाले वाहनों की जांच की जाएगी. गांधी मैदान के चप्पे-चप्पे की जांच मेटल डिटेक्टर और खोजी कुत्तों द्वारा की जा रही है. इसके अलावा प्रधानमंत्री की रैली की तैयारी को लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा के 18 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. गांधी मैदान में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. जिला प्रशासन का कहना है कि रैली में अधिक भीड़ होने का अनुमान है, यही कारण है कि सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जा रही है. रैली के दिन गांधी मैदान में टिफिन, बोतल, बैग, चाकू, छुरी जैसी वस्तुओं को ले जाने की अनुमति नहीं होगी. ऐसी वस्तुओं को जांच के दौरान ही मैदान से बाहर रखवाने के निर्देश आयोजकों को दिए गए हैं. गांधी मैदान क्षेत्र के आसपास पटाखा ले जाने एवं उपयोग करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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