राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोक गायिका तीजन बाई, लार्सन एंड टूब्रो के अध्यक्ष अनिल कुमार नाइक, वैज्ञानिक एस एन नारायणन, अभिनेता मनोज बाजपेयी और 106 वर्षीय पर्यावरणविद् सालूमरदा थीमक्का सहित 54 प्रसिद्ध नागरिकों को शनिवार को पद्म पुरस्कार प्रदान किए. तीजन बाई और नाइक को दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया. पौराणिक नदी सरस्वती का पता लगाने के लिए प्रयासरत आरएसएस नेता दर्शन लाल जैन, एमडीएच के संस्थापक सीईओ महाशय धर्मपाल गुलाटी, चिकित्सा पेशेवर अशोक लक्ष्मणराव कुकड़े, एन नारायणन, पर्वतारोही बछेंद्री पाल और पूर्व सीएजी वी के शुंगलु पद्म भूषण प्राप्त करने वालों में शामिल थे. राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके कैबिनेट सहयोगियों राजनाथ सिंह, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौर, विजय गोयल के साथ ही वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मौजूद थे. इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों के लिए 112 ‘प्रेरक’ हस्तियों का चयन किया गया और उनके नामों की घोषणा इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की गई थी. पुरस्कार दो कार्यक्रमों में प्रदान किए गए. 47 गणमान्य व्यक्तियों को 11 मार्च को सम्मानित किया गया जबकि 54 को शनिवार को सम्मानित किया गया. बाजपेयी को समीक्षकों द्वारा प्रशंसित भूमिकाओं के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया. वहीं लखनऊ घराने के प्रसिद्ध तबला वादक स्वप्न चौधरी, 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के लिए लंबी कानूनी लड़ने वाले अधिवक्ता एच एस फुल्का, खून की लाल कोशिकाओं (सिकल सेल) पर शोध में प्रमुख भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक सुदाम लक्ष्मण काते, पुरातत्वविद मुहम्मद के के और कण भौतिक विज्ञानी रोहिणी मधुसूदन गोडबोले को भी पुरस्कार प्रदान किया गया. आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ के पूर्व संपादक देवेंद्र स्वरूप को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया गया. स्वरूप के निधन के बाद ऑर्गेनाइजर में प्रकाशित एक लेख के अनुसार वह 13 साल तक प्रचारक रहे और उनके एम एस गोलवलकर से लेकर के एस सुदर्शन तक आरएसएस के चार सरसंघचालकों के साथ करीबी संबंध थे. पुरस्कार उनकी पत्नी ने प्राप्त किया. ओडिशा के क्योंझर जिले के 70 साल के आदिवासी दैतारी नाइक ने अपने गांव बैतरनी स्थित अपने खेत में पानी लाने के लिए केवल कुदाल की मदद से तीन किलोमीटर लंबी नहर खोद दी और उन्हें ‘सामाजिक कार्य’ श्रेणी में पद्मश्री प्रदान किया गया. साल्लुमरदा तिमक्का को भी यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया जिन्हें 65 साल की अवधि में हजारों पेड़ लगाने और पेड़ों की देखभाल अपने बच्चों की तरह करने के लिए उन्हें ‘वृक्ष माता’ की उपाधि मिली थी. दुर्गम और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 50 सालों तक सेवा करने वाले लद्दाख के सर्जन त्सेरिंग नोरबू, कलानजियाम आंदोलन के माध्यम से तमिलनाडु में माइक्रोफाइनेंस का नेतृत्व करने वाली महिला किसान चिन्नापिल्लई, हिंदुस्तानी गायक राजेश्वर आचार्य पद्मश्री प्राप्त करने वालों में शामिल हैं. फुटबॉलर सुनील छेत्री, तीरंदाज एल बोम्बायला देवी, क्रिकेटर गौतम गंभीर, भारतीय महिला बास्केटबॉल टीम की कप्तान प्रशांति सिंह को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया. भोजपुरी गायक हीरा लाल यादव, तेजाब हमला पीड़ितों के लिए काम करने वाले प्लास्टिक सर्जन रामास्वामी वेंकटस्वामी, जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले किसान भरत भूषण त्यागी, पुरातत्वविद् एस श्रीनिवासन, पूर्व आईपीएस ज्योतिनिवास कुमार सिन्हा, मत्स्यपालन के क्षेत्र में सक्रिय सुल्तान सिंह, संस्कृत विद्वान बृजेश कुमार शुक्ल और मोहम्मद हनीफ खान शास्त्री को भी पद्मश्री प्रदान किया गया. अन्य सम्मानित व्यक्तियों में प्रकृति फोटोग्राफर अनूप शाह, गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने वाले चाय विक्रेता देवरापल्ली प्रकाश राव, पीजीआई चंडीगढ़ निदेशक जगत राम, लुप्तप्राय बीजों को संरक्षित करने में सक्रिय आदिवासी कार्यकर्ता कमला पुजारी, झालावाड़ के किसान हुकमचंद पाटीदार, छत्तीसगढ़ी आदिवासी संगीत को बढ़ावा देने वाले अनूप रंजन पांडेय, प्रथम ट्रांसजेंडर भरतनाट्यम नर्तक नर्तकी नटराज, बुंदेली लोक लेखक कैलाश मदबैया, कच्छी रोगन कलाकार अब्दुल गफूर खत्री और कागज की लुगदी से चीजें बनाने वाले कलाकार फैयाज अहमद जान शामिल हैं. डोगरी कवि नरसिंह देव जम्वाल, लोक लेखक जोरावरसिंह दानुभाई जादव, समाजिक कार्यकर्ता द्रौपदी घीमीराय, मधुबनी चित्रकार गोदावरी दत्ता, पारसी गुजराती थिएटर कलाकार दिनयार आर कांट्रैक्टर, तेलुगु गीतकार सिरिवेनेला सीताराम शास्त्री चेमबोलू, जैविक किसान कंवल सिंह चौहान, गायों की देखभाल करने वाले सैय्यद शब्बीर उर्फ छब्बू सैय्यद बुधन, बीमार गायों की देखभाल करने वाली जर्मन नागरिक फ्रेडरिक इरिना ब्रूनिंग, उत्तराखंडी लोकगायक प्रीतम भर्तवान, एपिडेमियोलॉजिस्ट उमेश कुमार भारती और अन्वेषक उद्धव कुमार भाराली को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया. एक अधिकारी ने बताया कि पुरस्कारों के लिए इस साल पूरे देश और समाज के विभिन्न वर्गों से व्यक्तियों को चुना गया. सरकार ने इसमें उनकी निस्वार्थ भाव से की गई उनकी उत्कृष्ट सेवा को इसके लिए आधार बनाया. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन प्रक्रिया 2016 में ऑनलाइन की गई थी और बड़े पैमाने पर नागरिकों के इसमें शामिल होने को प्रोत्साहित करने के लिए एक सरल, सुलभ और सुरक्षित प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया था. 2019 के पुरस्कारों के लिए रिकॉर्ड 50,000 नामांकन मिले थे जो कि 2014 की तुलना में 20 गुना अधिक हैं, उस साल सिर्फ 2,200 नामांकन प्राप्त हुए थे.
https://ift.tt/eA8V8J Latest News अभी अभी Firstpost Hindi
Saturday 16 March 2019
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Sports
Popular Posts
-
The Rajya Sabha on Tuesday passed the Special Protection Group Bill , amid loud protests by the Congress over removal of the security force&...
-
Kasaragod Assembly Election 2020 | Kasaragod is an Assembly constituency in the Kasaragod district of Kerala. It falls under the Kasaragod ...
-
In the ongoing tussle called politics, there’s always something to gain and a lot to lose. In India, the Arvind Kejriwal-led Aam Aadmi Party...
No comments:
Post a Comment