गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को दावा किया कि एमजीपी के दो विधायक सरकार को स्थिरता प्रदान करने के लिए अपनी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं. दो विधायकों के इस फैसले के कुछ ही घंटे बाद सरकार ने उपमुख्यमंत्री सुदीन धावलीकर की मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से छुट्टी कर दी. Governor of Goa Mridula Sinha accepts the recommendation of Goa Chief Minister Pramod Sawant that Sudin Dhavalikar (in file pic) shall cease to be a Minister in the Council of Ministers, with immediate effect. pic.twitter.com/GdMT1dCXEW — ANI (@ANI) March 27, 2019 इससे पहले विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक पावस्कर ने गोवा विधानसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष माइकल लोबो को मंगलवार देर रात पौने एक बजे पत्र दिया जिसमें एमजीपी विधायक दल के बीजेपी में विलय की बात कही गई थी. एमजीपी के तीसरे विधायक एवं उप मुख्यमंत्री सुदीन धवलीकर के इस पर हस्ताक्षर नहीं हैं. Goa CM Pramod Sawant on merger of Maharashtrawadi Gomantak Legislative Party with BJP: Two MGP MLAs Manohar Ajgaonkar & Deepak Pauskar have joined BJP for the stability of the government. Automatically, our strength has grown to 14. pic.twitter.com/ByF838ftOk — ANI (@ANI) March 26, 2019 सावंत ने दोनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा, ‘बीजेपी में दो विधायकों के आने से 40 सदस्यों वाली विधानसभा में हमारी संख्या 14 पहुंच गई हैँ. दोनों विधायक सरकार की स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी में शामिल हुए हैं.’ अजगांवकर ने कहा कि वह एमजीपी के वरिष्ठ महासचिव लवू ममलतदार को पार्टी प्रमुख दीपक धवलीकर द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद पार्टी में असुरक्षित महसूस कर रहे थे. ममलतदार ने विधानसभा अध्यक्ष को पिछले सप्ताह यह कहते हुए पत्र लिखा था कि बिना उनके हस्ताक्षर वाले एमजीपी के किसी भी पत्र को संज्ञान में नहीं लिया जाए. MGP MLAs Manohar Ajgaonkar & Deepak Pauskar in a letter to the Speaker of Goa Legislative Assembly: We have agreed to merge Maharashtrawadi Gomantak Legislative Party (MGP) with BJP. Total strength of Legislators of MGP is three members & we constitute 2/3rd of the members. pic.twitter.com/b2JWoX7SEi — ANI (@ANI) March 26, 2019 अजगांवकर ने यह भी आरोप लगाया कि एमजीपी अब वंचित तबकों के लिए नहीं काम कर रही है. पावस्कर ने भी पार्टी पर हमला किया. उन्होंने कहा, ‘पिछले दो साल से एक विधायक के तौर पर पर मुझे केंद्रीय समिति की एक भी बैठक में नहीं बुलाया गया. दोनों धावलीकर भाइयों (सुदीन और दीपक) ने हमें कभी विश्वास में नहीं लिया.’ (इनपुट भाषा से)
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