इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के बीते सीजन के फाइनल में बेंगलुरू एफसी को चेन्नइयन एफसी के हाथों 3-2 से हार मिली थी. कांतिरावा स्टेडियम में खेले गए उस मैच में बेंगलुरू के मिडफील्डर दिमास डेल्गाडो को पहले हाफ में चोट लगी थी और वह असमय ही मैदान से बाहर जाने को मजबूर हुए थे. डिमास के लिए वह मैच दोहरा दर्द देने वाला था. स्पेनिश मिडफील्डर ने अपने प्रशंसकों की मौजूदगी में बाहर बैठकर बाकी का मैच देखा था और उनकी टीम हार गई थी. अब डिमास के पास अपने उस दर्द को खत्म करने का मौका है क्योंकि वह बेंगलुरू के साथ एक बार फिर इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच चुके हैं. फाइनल में रविवार को मुम्बई में बेंगलुरू का सामना एफसी गोवा से होगा. डिमास ने पहली आईएसएल ट्रॉफी की चाह में कहा कि फाइनल में पहुंचना हमेशा अच्छा लगता है. मैं खुश हूं कि इस बार भी हमारी टीम फाइनल में है. मेरे लिए यह खास पल है क्योंकि बीते साल मुझे असमय बी मैदान छोड़ना पड़ा था लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस साल ऐसा कुछ भी नहीं होगा. बेंगलुरू की तरह 2015 में एफसी गोवा को भी फाइनल में हार मिली थी और उसे भी चेन्नई ने ही हराया था. उस मैच में मंडार राव देसाई खेले थे. इस मैच में भी मंडार खेल रहे हैं लेकिन उनके लिए यह मैच खास होगा क्योंकि वह इस बार बतौर कप्तान खेलेंगे. मंडार ने कहा कि मुझे 2015 का फाइनल याद है. हम 3-2 से पीछे थे. आज हम अधिक से अधिक समय तक गेंद अपने पास रखने की कोशिश करते हैं. उस समय की बात अलग थी. हम गेंद पर कब्जा नहीं रख पा रहे थे. अब चीजें बदल गई हैं. हमने अपना फोकस तय कर लिया है और उसी पर केंद्रित रहेंगे.
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