अमेरिका में इमिग्रेशन ऑफिशियल्स यानी आव्रजन अधिकारियों ने भूख हड़ताल पर बैठे कई भारतीयों समेत कम से कम छह अप्रवासी बंदियों को नाक में नली डालकर जबरदस्ती खाना खिलाया है. टेक्सस में एक केंद्र के हालातों के विरोध में इन बंदियों ने भूख हड़ताल की थी. भारतीय-अमेरिकी समूहों ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है. अधिकारियों ने बताया कि आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने एक बयान में कहा है कि बुधवार की रात अल पासो में 11 बंदियों ने खाना खाने से मना कर दिया था और देशभर में कई आईसीई डिटेंशन सेंटर्स पर चार अन्य लोग भी भूख हड़ताल पर चले गए थे. आईसीई ने बताया कि अल पासो में भूख हड़ताल कर रहे 11 में से छह लोगों को जनवरी के मध्य में एक फेडरल जस्टिस के आदेशों के तहत जबरदस्ती खाना खिलाया गया. जिन लोगों को खाना खिलाया गया है वे लगभग दो सप्ताह से भूख हड़ताल पर थे. अधिकारियों ने बताया कि 11 लोगों में से दो लोगों ने बुधवार को अपनी भूख हड़ताल शुरू की. टेक्सस में दो बंदियों की वकील रूबी कौर ने कहा कि उनके मुवक्किल भारतीय अप्रवासी हैं जो लगभग छह महीने पहले दक्षिणी बॉर्डर से अमेरिका में आए थे. कौर ने बताया, ‘उन्हें नाक में नली डालकर तरल पदार्थ दिए गए हैं. यह बेहद ही दर्दनाक है और उनकी इच्छा के खिलाफ है.’ आईसीई की प्रवक्ता ने इन आरोपों पर सीधी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है. अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने उन रिपोर्टों पर चिंता जाहिर की है जिनमें कहा गया है कि फेडरल इमिग्रेशन ऑफिशियल्स भारतीय बंदियों को जबरदस्ती खिला रहे है. उत्तरी अमेरिकी पंजाबी एसोसिएशन (एनएपीए) ने एक बयान में कहा कि टेक्सस में अल पासो केंद्र में 11 भारतीय बंदियों ने खाने से मना कर दिया था. एनएपीए के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने कहा, ‘किसी भी अप्रवासी को जबरदस्ती खाना खिलाना मानवाधिकारों का उल्लंघन है.’ उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ बंदी 30 से अधिक दिनों से भूख हड़ताल पर थे.
Saturday 2 February 2019
US: अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने भारतीय बंदियों को जबरदस्ती खिलाया खाना, विरोध
अमेरिका में इमिग्रेशन ऑफिशियल्स यानी आव्रजन अधिकारियों ने भूख हड़ताल पर बैठे कई भारतीयों समेत कम से कम छह अप्रवासी बंदियों को नाक में नली डालकर जबरदस्ती खाना खिलाया है. टेक्सस में एक केंद्र के हालातों के विरोध में इन बंदियों ने भूख हड़ताल की थी. भारतीय-अमेरिकी समूहों ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है. अधिकारियों ने बताया कि आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने एक बयान में कहा है कि बुधवार की रात अल पासो में 11 बंदियों ने खाना खाने से मना कर दिया था और देशभर में कई आईसीई डिटेंशन सेंटर्स पर चार अन्य लोग भी भूख हड़ताल पर चले गए थे. आईसीई ने बताया कि अल पासो में भूख हड़ताल कर रहे 11 में से छह लोगों को जनवरी के मध्य में एक फेडरल जस्टिस के आदेशों के तहत जबरदस्ती खाना खिलाया गया. जिन लोगों को खाना खिलाया गया है वे लगभग दो सप्ताह से भूख हड़ताल पर थे. अधिकारियों ने बताया कि 11 लोगों में से दो लोगों ने बुधवार को अपनी भूख हड़ताल शुरू की. टेक्सस में दो बंदियों की वकील रूबी कौर ने कहा कि उनके मुवक्किल भारतीय अप्रवासी हैं जो लगभग छह महीने पहले दक्षिणी बॉर्डर से अमेरिका में आए थे. कौर ने बताया, ‘उन्हें नाक में नली डालकर तरल पदार्थ दिए गए हैं. यह बेहद ही दर्दनाक है और उनकी इच्छा के खिलाफ है.’ आईसीई की प्रवक्ता ने इन आरोपों पर सीधी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है. अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने उन रिपोर्टों पर चिंता जाहिर की है जिनमें कहा गया है कि फेडरल इमिग्रेशन ऑफिशियल्स भारतीय बंदियों को जबरदस्ती खिला रहे है. उत्तरी अमेरिकी पंजाबी एसोसिएशन (एनएपीए) ने एक बयान में कहा कि टेक्सस में अल पासो केंद्र में 11 भारतीय बंदियों ने खाने से मना कर दिया था. एनएपीए के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने कहा, ‘किसी भी अप्रवासी को जबरदस्ती खाना खिलाना मानवाधिकारों का उल्लंघन है.’ उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ बंदी 30 से अधिक दिनों से भूख हड़ताल पर थे.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Sports
Popular Posts
-
It almost sounds like a television show, but, in fact, it’s reality. As Jharkhand chief minister Hemant Soren prepares to appear before the...
-
The Assam government has issued a travel advisory asking people to avoid travelling to Mizoram. It has also asked those from the state worki...
-
Prime Minister Narendra Modi congratulated newly sworn-in Chief Minister of Telangana Revanth Reddy and assured him of “all possible support...
No comments:
Post a Comment