भारत के लिए ऐसे काफी कम ही मौके बन पाए हैं, जब उसने 25 रन या उससे पहले ही अपने चार विकेट गंवा दिए हो और फिर भी मुकाबला जीत गई है. 1983 और 1986 के बाद अब जाकर 2019 में भारत के साथ ऐसा हुआ. वेलिंग्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए सीरीज के पांचवें और आखिरी वनडे भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपने चार विकेट मात्र 18 रन ही बना गंवा दिए थे, लेकिन फिर भी 35 रन से मुकाबला जीत लिया. वेलिंग्टन में शुरुआत में लचर प्रदर्शन के बावजूद टीम के हर सदस्य से बराबर सहयोग मिलने के कारण भारत ने मुकाबला जीतने के साथ ही 4-1 सीरीज भी अपने नाम कर ली. बल्लेबाजी में अंबाती रायुडू, विजय शंकर और हार्दिक पांड्या ने जिम्मेदारी संभाली तो गेंदबाजी में युजवेंद्र चहल, केदार जाधव, मोहम्मद शमी, पांड्या छाए रहे. एमएस धोनी भले ही बल्ले से ना चले गए, लेकिन मेजबान बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने में बड़ा योगदान दिया. भारत ने मेजबान को 253 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन कीवी टीम 44.1 ओवर में 217 रन तक ही पहुंच पाई. पूरी सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शमी मैन ऑफ द सीरीज रहे गेंदबाजों ने करवाई वापसी भारतीय टीम एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में कामयाब रही थी, लेकिन इसके बाद की जिम्मेदारी गेंदबाजों की थी, जो उन्होंने बखूबी निभाया. मोहम्मद शमी ने हेनरी निकोल्स और कॉलिन मुनरो के रूप में मेजबान को 18 और 37 रन पर दो बड़े दे दिए थे. इसके तुरंत बाद हार्दिक पांड्या ने रोस टेलर को एलबीडब्ल्यू करके 38 रन पर मेजबान को तीसरा झटका दिया. हालांकि इसके बाद कप्तान केन विलियमसन ने टॉम लाथम के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया और 67 रन की साझेदारी कर स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया. यहां से भारत के हाथ से मैच फिसलता नजर आ रहा था, लेकिन केदान जाधव ने विलियमसन 39 को धवन के हाथों कैच करवाकर मेजबान को चौथा झटका दे दिया. विलियमस के बाद 119 रन पर चहल ने लाथम को अपना शिकार बना लिया. 119 रन पर चार विकेट लगने से मुकाबला रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया.इसके कुछ समय बाद चहल ने ग्रैंडहोम को भी एलबीडब्ल्यू किया. 135 रन पर छह विकेट गिरने के बाद क्रीज पर टिक चुके नीशाम की पारी को धोनी ने रन आउट खत्म किया और इसके साथ भारत ने मैच में वापसी कर ली. 194 पर एस्ले को चहल ने, 204 रन पर सेंटनर को पांड्या ने अपना शिकार बनाया. 217 पर भुवी ने बोल्ट को शमी के हाथों कैच करवाकर पारी को समाप्त कर दिया अपनी कप्तानी में खुद ही फ्लॉप हुए रोहित शुरुआती तीन मैचों में विराट कोहली की अगुआई में रोहित शर्मा ने 11, 87 और 62 रन की पारी खेली थी, लेकिन सीरीज के आखिरी दो मैचों में रोहित ने टीम की कमान संभाली और दो ही पारी में वह दोहरे अंक को छू नहीं पाए. हेमिल्टन में सात रन बनाए और वेलिंग्टन में रन बनाए. रोहित के साथ ऐसा पहली बार हुआ है जब वह किसी सीरीज में शतक नहीं जड़ पाए. मौके को फिर नहीं भुना पाए गिल अपने इंटरनेशनल करियर का दूसरा ही मैच खेल शुभमन गिल एक बार फिर मौके को नहीं भुना पाए. गिल ने हेमिल्टन वनडे से डेब्यू किया था, लेकिन सिर्फ नौ रन ही बना पाए थे. लेकिन गिल वेलिंग्टन में भी कुछ बड़ा नहीं कर पाए और सात रन ही बना पाए. दोनों ही मुकाबलों में टीम को गिल से बड़ी उम्मीद थी, जिस पर वह खरे नहीं उतर पाए. चौथे मैच जैसी हालात हुई भारत की भारत की यहां पर भी हालात हेमिल्टन की ही तरह रही. सीरीज के चौथे वनडे में भारत ने 33 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे और आखिरी मैच में 18 रन पर ही चार विकेट गंवा दिए. भारत की हालात चौथे मैच की ही तरह लग रही थी. रोहित शर्मा के रूप में भारत को आठ रन पर पहला विकेट झटका और फिर 12 रन पर शिखर धवन के रूप में दूसरा झटका लगा. गिल के रूप में भारत को 17 रन पर तीसरा झटका लगा. धोनी भी पारी को नहीं संभाल पाए और 18 रन पर अपना विकेट गंवा दिया. रायुडू और शंकर ने संभाला चौथे वनडे से भी बुरी हालात में पहुंचने के बाद अंबाती रायुडू और विजय शंकर ने पारी का संभाला और दोनों के बीच 98 रन की पार्टनरशिप हुई. चौथे वनडे में रायुडू डक हुए थे. वहीं सीरीज के शुरुआती मुकाबलों में अर्धशतक भी नहीं लगा पाए थे, लेकिन रायुडू ने पांचवें वनडे में अपनी अहमियत को साबित किया और शंकर ने उनका साथ दिया. शंकर पूरी सीरीज में अपनी गेंदबाजी से प्रभावित नहीं कर पाए थे, लेकिन वेलिंग्टन ने उन्होंने 45 रन बनाकर बड़ी साझेदारी की. 116 रन पर विजय शंकर रन आउट हुए और उनके पवेलियन लौटने के बाद केदार जाधव ने रायुडू का साथ दिया और 190 रन पर रायुडू हेनरी की गेंद पर मुनरो को कैच थमा बैठे. रायुडू अपने शतक से 10 रन दूर रहे. पांड्या का आतिशी पारी भारत 200 रन के करीब तो पहुंच ही गया था, लेकिन मेजबान को चुनौती देने के लिए कम से कम भारत को 250 रन बनाने की जरूरत थी. ऐसे में हार्दिक पांड्या क्रीज पर आए और आते ही छक्को की बारिश करने लगे. पांड्या ने 22 गेंद पर दो चौके और पांच छक्के लगाकार 45 रन बनाए और पांड्या की यही रन भारत को जीत दिलाने में मददगार साबित हुए. पांड्या को नीशाम ने अपने शिकार बनाया. 248 रन पर पांड्या के पवेलियन लौटने पर भुवी 252 रन और फिर अगली गेंद पर शमी भी आउट हो गए.
Sunday, 3 February 2019

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India vs New Zealand 5th ODI: रायुडू और पांड्या के दम पर जीती भारत, नहीं तो हो जाता हेमिल्टन से भी बुरा हाल
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भारत के लिए ऐसे काफी कम ही मौके बन पाए हैं, जब उसने 25 रन या उससे पहले ही अपने चार विकेट गंवा दिए हो और फिर भी मुकाबला जीत गई है. 1983 और 1986 के बाद अब जाकर 2019 में भारत के साथ ऐसा हुआ. वेलिंग्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए सीरीज के पांचवें और आखिरी वनडे भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अपने चार विकेट मात्र 18 रन ही बना गंवा दिए थे, लेकिन फिर भी 35 रन से मुकाबला जीत लिया. वेलिंग्टन में शुरुआत में लचर प्रदर्शन के बावजूद टीम के हर सदस्य से बराबर सहयोग मिलने के कारण भारत ने मुकाबला जीतने के साथ ही 4-1 सीरीज भी अपने नाम कर ली. बल्लेबाजी में अंबाती रायुडू, विजय शंकर और हार्दिक पांड्या ने जिम्मेदारी संभाली तो गेंदबाजी में युजवेंद्र चहल, केदार जाधव, मोहम्मद शमी, पांड्या छाए रहे. एमएस धोनी भले ही बल्ले से ना चले गए, लेकिन मेजबान बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने में बड़ा योगदान दिया. भारत ने मेजबान को 253 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन कीवी टीम 44.1 ओवर में 217 रन तक ही पहुंच पाई. पूरी सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शमी मैन ऑफ द सीरीज रहे गेंदबाजों ने करवाई वापसी भारतीय टीम एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में कामयाब रही थी, लेकिन इसके बाद की जिम्मेदारी गेंदबाजों की थी, जो उन्होंने बखूबी निभाया. मोहम्मद शमी ने हेनरी निकोल्स और कॉलिन मुनरो के रूप में मेजबान को 18 और 37 रन पर दो बड़े दे दिए थे. इसके तुरंत बाद हार्दिक पांड्या ने रोस टेलर को एलबीडब्ल्यू करके 38 रन पर मेजबान को तीसरा झटका दिया. हालांकि इसके बाद कप्तान केन विलियमसन ने टॉम लाथम के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया और 67 रन की साझेदारी कर स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया. यहां से भारत के हाथ से मैच फिसलता नजर आ रहा था, लेकिन केदान जाधव ने विलियमसन 39 को धवन के हाथों कैच करवाकर मेजबान को चौथा झटका दे दिया. विलियमस के बाद 119 रन पर चहल ने लाथम को अपना शिकार बना लिया. 119 रन पर चार विकेट लगने से मुकाबला रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया.इसके कुछ समय बाद चहल ने ग्रैंडहोम को भी एलबीडब्ल्यू किया. 135 रन पर छह विकेट गिरने के बाद क्रीज पर टिक चुके नीशाम की पारी को धोनी ने रन आउट खत्म किया और इसके साथ भारत ने मैच में वापसी कर ली. 194 पर एस्ले को चहल ने, 204 रन पर सेंटनर को पांड्या ने अपना शिकार बनाया. 217 पर भुवी ने बोल्ट को शमी के हाथों कैच करवाकर पारी को समाप्त कर दिया अपनी कप्तानी में खुद ही फ्लॉप हुए रोहित शुरुआती तीन मैचों में विराट कोहली की अगुआई में रोहित शर्मा ने 11, 87 और 62 रन की पारी खेली थी, लेकिन सीरीज के आखिरी दो मैचों में रोहित ने टीम की कमान संभाली और दो ही पारी में वह दोहरे अंक को छू नहीं पाए. हेमिल्टन में सात रन बनाए और वेलिंग्टन में रन बनाए. रोहित के साथ ऐसा पहली बार हुआ है जब वह किसी सीरीज में शतक नहीं जड़ पाए. मौके को फिर नहीं भुना पाए गिल अपने इंटरनेशनल करियर का दूसरा ही मैच खेल शुभमन गिल एक बार फिर मौके को नहीं भुना पाए. गिल ने हेमिल्टन वनडे से डेब्यू किया था, लेकिन सिर्फ नौ रन ही बना पाए थे. लेकिन गिल वेलिंग्टन में भी कुछ बड़ा नहीं कर पाए और सात रन ही बना पाए. दोनों ही मुकाबलों में टीम को गिल से बड़ी उम्मीद थी, जिस पर वह खरे नहीं उतर पाए. चौथे मैच जैसी हालात हुई भारत की भारत की यहां पर भी हालात हेमिल्टन की ही तरह रही. सीरीज के चौथे वनडे में भारत ने 33 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे और आखिरी मैच में 18 रन पर ही चार विकेट गंवा दिए. भारत की हालात चौथे मैच की ही तरह लग रही थी. रोहित शर्मा के रूप में भारत को आठ रन पर पहला विकेट झटका और फिर 12 रन पर शिखर धवन के रूप में दूसरा झटका लगा. गिल के रूप में भारत को 17 रन पर तीसरा झटका लगा. धोनी भी पारी को नहीं संभाल पाए और 18 रन पर अपना विकेट गंवा दिया. रायुडू और शंकर ने संभाला चौथे वनडे से भी बुरी हालात में पहुंचने के बाद अंबाती रायुडू और विजय शंकर ने पारी का संभाला और दोनों के बीच 98 रन की पार्टनरशिप हुई. चौथे वनडे में रायुडू डक हुए थे. वहीं सीरीज के शुरुआती मुकाबलों में अर्धशतक भी नहीं लगा पाए थे, लेकिन रायुडू ने पांचवें वनडे में अपनी अहमियत को साबित किया और शंकर ने उनका साथ दिया. शंकर पूरी सीरीज में अपनी गेंदबाजी से प्रभावित नहीं कर पाए थे, लेकिन वेलिंग्टन ने उन्होंने 45 रन बनाकर बड़ी साझेदारी की. 116 रन पर विजय शंकर रन आउट हुए और उनके पवेलियन लौटने के बाद केदार जाधव ने रायुडू का साथ दिया और 190 रन पर रायुडू हेनरी की गेंद पर मुनरो को कैच थमा बैठे. रायुडू अपने शतक से 10 रन दूर रहे. पांड्या का आतिशी पारी भारत 200 रन के करीब तो पहुंच ही गया था, लेकिन मेजबान को चुनौती देने के लिए कम से कम भारत को 250 रन बनाने की जरूरत थी. ऐसे में हार्दिक पांड्या क्रीज पर आए और आते ही छक्को की बारिश करने लगे. पांड्या ने 22 गेंद पर दो चौके और पांच छक्के लगाकार 45 रन बनाए और पांड्या की यही रन भारत को जीत दिलाने में मददगार साबित हुए. पांड्या को नीशाम ने अपने शिकार बनाया. 248 रन पर पांड्या के पवेलियन लौटने पर भुवी 252 रन और फिर अगली गेंद पर शमी भी आउट हो गए.
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