ऑस्ट्रेलिया के हाथों पहले टी-20 मैच में तीन विकेट से करीबी हार झेलने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम बुधवार को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाले दूसरे और आखिरी मैच को जीतकर सीरीज बचाना चाहेगी. भारत ने रविवार को विशाखापत्तनम में खेले गए पहले टी-20 मैच में सात विकेट पर 126 रन बनाए थे और एक समय उसने मैच को अपने कब्जे में ले लिया था. लेकिन आखिरकार उसे तीन विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के बाद अब वह सीरीज में 0-1 से पिछड़ गया है और ऐसे में सीरीज बचाने के लिए ये मैच 'विराट सेना' के लिए 'करो या मरो' वाला है. अपने घरेलू मैदान पर पिछले काफी समय से शानदार प्रदर्शन कर रही विराट कोहली की टीम सीरीज हारने का धब्बा लगवाने से बचाना चाहेगी. भारत ने बेंगलुरु के इस मैदान पर अब तक पांच टी-20 मैच खेले हैं जिसमें उसे तीन में जीत और दो में हार मिली है. हालांकि इस मैदान पर खेले गए पिछले दो टी-20 मैचों में उसे जीत मिली है, जिससे उसके आत्मविश्वास को बल मिलेगा. विशाखापत्तनम में पहले टी20 में खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन के कारण भारत को तीन विकेट की हार का सामना करना पड़ा था. मेजबान टीम का मध्यक्रम पूरी तरह से फ्लॉप रहा था.
भारत के सिर्फ तीन बल्लेबाज लोकेश राहुल (50), महेंद्र सिह धोनी (नाबाद 29) और कप्तान विराट कोहली (24) ही दहाई के आंकड़े तक पहुंच पाए थे. भारतीय टीम एक समय दो विकेट पर 69 रन बनाकर मजबूत स्थिति में थी और फिर पूरे 20 ओवर खेलने के बाद सात विकेट पर 126 रन तक ही पहुंच पाई थी. ऐसे में टीम को दूसरे मैच में अपनी बल्लेबाजी की क्षमता दिखानी होगी. गेंदबाजों ने पहले मैच में जिस तरह का प्रदर्शन किया उससे कप्तान खुश होना चाहेंगे. जसप्रीत बुमराह ने पहले मैच में 16 रन देकर तीन विकेट चटकाए थे. लेकिन उन्हें दूसरे छोर से ज्यादा सपोर्ट नहीं मिल पाया था. ऐसे में अन्य गेंदबाजों को अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा. उमेश यादव ने काफी रन लुटाए और अंतिम ओवर में 14 रन का बचाव करने में नाकाम रहे. भारत उमेश की जगह सिद्धार्थ कौल को मौका दे सकता है या फिर बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए ऑलराउंडर विजय शंकर को अंतिम एकादश में शामिल कर सकता है.
भारतीय कप्तान विराट कोहली पहले ही कह चुके हैं कि मई-जुलाई में होने वाले विश्व कप के लिए उनकी टीम लगभग तय है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टी20 और पांच वनडे में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को मौका मिलने की संभावना से उन्होंने इनकार नहीं किया है. दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया के पास हाल के समय में भारत के खिलाफ सीरीज जीतने का अच्छा मौका है. मेहमान टीम को कोहली की टीम के खिलाफ स्वदेश में टेस्ट और वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था. पहले मैच में भारत को धीमी पिच पर 126 रन पर रोककर ऑस्ट्रेलियाई टीम खुश होगी, लेकिन बल्लेबाजी टीम के लिए चिंता का सबब है.
ऑस्ट्रेलियाई टीम एक समय काफी मजबूत स्थिति में होने के बावजूद पहला मैच अंतिम ओवर में ही जीत पाई और उन्हें पता है कि भारत चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच पर आसानी से घुटने नहीं टेकने वाला. कप्तान एरोन फिंच की नजरें बड़ी पारी पर टिकी होंगी और टीम को ग्लेन मैक्सवेल से एक बार फिर आक्रमाक पारी की उम्मीद होगी जिन्होंने पहले मैच में 43 गेंद में 56 रन बनाए. (भाषा के इनपुट के साथ)
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