भारत की टॉप बॉक्सर एमसी मैरीकॉम ने गुरुवार को कहा कि देश में व्याप्त डोपिंग संकट के लिए कोच भी दोषी हैं जो अपने खिलाड़ियों को गलत रास्ता दिखाते हैं. ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता और छह बार की विश्व चैंपियन ने प्रशिक्षकों को भी नाडा के डोपिंगरोधी जागरूकता प्रशिक्षण में शामिल करने की वकालत की. इस 36 वर्षीय बॉक्सर ने डोपिंग रोधी राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में कहा, ‘हमें प्रशिक्षकों को भी प्रशिक्षण देने की जरूरत है, उन्हें भी जागरूक करने की जरूरत है उन्हें भी प्रतिबंधित दवाईयों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.’ मेरीकॉम ने खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की मौजूदगी में कहा, ‘दुर्भाग्य से कुछ कोच अपने शिष्यों को गलत रास्ते पर ले जाते हैं वे उन्हें अलग तरह से सफलता दिलाना चाहते हैं.’ इस मौके पर राठौड़ ने कहा कि खिलाड़ियों को डोपिंग के दम पर कुछ भी हासिल करने की सीख नहीं लेनी चाहिए. ओलिंपिक रजत पदक विजेता निशानेबाज ने कहा, ‘आपको हार से सीख मिलती है. गलत तरीकों (डोपिंग) से पदक जीतने के बजाय हार से सीख लेना बेहतर है. जब आप पदक जीतते हो और जानते हो कि आपने डोपिंग के जरिए यह हासिल किया तो आप खुद का चेहरा भी देखना पसंद नहीं करोगे.’ राठौड़ ने कहा, ‘मैं एथेंस में पदक जीतने के बाद अक्सर उसे नहीं देखता क्योंकि खेलों में पदक ही सब कुछ नहीं है. मैं यहां कैसे पहुंचा और मैंने जीत की भूख के साथ कई तरह की सीख लेते हुए कैसे इसे हासिल किया, यह महत्वपूर्ण है.’
Friday, 1 February 2019
मैरीकॉम का आरोप, कोच ही करवाते हैं डोपिंग का गुनाह
भारत की टॉप बॉक्सर एमसी मैरीकॉम ने गुरुवार को कहा कि देश में व्याप्त डोपिंग संकट के लिए कोच भी दोषी हैं जो अपने खिलाड़ियों को गलत रास्ता दिखाते हैं. ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता और छह बार की विश्व चैंपियन ने प्रशिक्षकों को भी नाडा के डोपिंगरोधी जागरूकता प्रशिक्षण में शामिल करने की वकालत की. इस 36 वर्षीय बॉक्सर ने डोपिंग रोधी राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में कहा, ‘हमें प्रशिक्षकों को भी प्रशिक्षण देने की जरूरत है, उन्हें भी जागरूक करने की जरूरत है उन्हें भी प्रतिबंधित दवाईयों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.’ मेरीकॉम ने खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की मौजूदगी में कहा, ‘दुर्भाग्य से कुछ कोच अपने शिष्यों को गलत रास्ते पर ले जाते हैं वे उन्हें अलग तरह से सफलता दिलाना चाहते हैं.’ इस मौके पर राठौड़ ने कहा कि खिलाड़ियों को डोपिंग के दम पर कुछ भी हासिल करने की सीख नहीं लेनी चाहिए. ओलिंपिक रजत पदक विजेता निशानेबाज ने कहा, ‘आपको हार से सीख मिलती है. गलत तरीकों (डोपिंग) से पदक जीतने के बजाय हार से सीख लेना बेहतर है. जब आप पदक जीतते हो और जानते हो कि आपने डोपिंग के जरिए यह हासिल किया तो आप खुद का चेहरा भी देखना पसंद नहीं करोगे.’ राठौड़ ने कहा, ‘मैं एथेंस में पदक जीतने के बाद अक्सर उसे नहीं देखता क्योंकि खेलों में पदक ही सब कुछ नहीं है. मैं यहां कैसे पहुंचा और मैंने जीत की भूख के साथ कई तरह की सीख लेते हुए कैसे इसे हासिल किया, यह महत्वपूर्ण है.’
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