टी20 सीरीज के साथ शुरू हुआ भारत को यह लंबा ऑस्ट्रेलिया दौरा अब अपने आखिरी मुकाम पर जा पहुंचा है. टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर मात देने वाली पहली भारतीय़ टीम बनने के बाद कोहली ऐंड कंपनी अब वनडे सीरीज में भी बराबरी पर है. एडिलेड में सीरीज का दूसरा मुकाबला जीतने के बाद अब जब टीम इंडिया मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर तीसरे वनडे और इस दौरे के आखिरी मुकाबले के लिए मैदान पर उतरेगी तो उसकी निगाहें जीत के साथ इस दौरे का शानदार अंत होने के साथ-साथ टेस्ट के बाद वनडे सीरीज में भी जीत हासिल कर इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप से पहले अपनी धाक जमाने पर भी लगी होंगी. क्या कहता है रिकॉर्ड सिडनी में सीरीज का पहले वनडे 34 रन से गंवाने के बाद भारत ने एडिलेड में दूसरा वनडे छह विकेट से जीतकर सीरीज के 1-1 की बराबरी पर खड़ा कर दिया है. भारतीय टीम अगर इस आखिरी वनडे में जीत हासिल तकते है तो यह तीसरा मौका होगा जब कोई टीम इंडिया वनडे सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर जीत हासिल करेगी. भारत ने इससे पहले 1985 में वर्ल्ड चैंपियनशिप और 2008 में सीबी सीरीज में जीत हासिल की थी. हालांकि यह दोनों ही बाइलेटरल सीरीज नहीं थीं. दरअसल यह दूसरा ही मौका है जब कोई भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में बाइलेटरल सीरीज खेल रही हो. इससे पहले साल 2016 में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में बाइलेटरल वनडे सीरीज खेली थी. उस सीरीज में भारत को 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था. भारतीय टीम अगर मेलबर्न वनडे में जीत हासिल कर लेती है तो वह इस दौरे का अंत एक भी सारीज में हारे बिना करेगी. टेस्ट सीरीज जीतने के अलावा भारतीय टीम ने टी20 सीरीज को 1-1 से ड्रॉ कराने में कामयाबी हासिल की थी. क्या है कोहली की मुश्किल! जहां तक इस मुकाबले का सवाल है तो इस वनडे से पहले टीम इंडिया ने जिस तरह से एडिलेड में कमाल दिखाया वह तारीफ के काबिल है लेकिन भारत की परेशानी उसकी पांचवें गेंदबाज है. मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार जैसे तेज गेंदबाजों के साथ मिलकर रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव फिरकी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं लेकिन भारत के लिए असली चुनौती उस पांचवें गेंदबाज की जगह की भरने की है जो हार्दिक पांड्या के निलंबन चलते खाली हुई है. मुकाबले से पहले शिखर धवन ने भी यह बात कबूली है कि भारत को पांड्या की गैरमौजूदगी में सही टीम संयोजन बनाने में मुश्किल होगी. पांड्या की गैरहाजिरी में भारत ने खलील अहमद और मोहम्मद सिराज को पांचवें गेदंबाज के तौर पर पिछले दो मुकाबलों में जमाया लेकिन दोनों ही नाकाम साबित हुए. अंबाती रायुडू के एक्शन की शिकायत के बाद कप्तान कोहली उनसे गेंदबाजी कराना नहीं चाहेंगे. हालांकि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड के लंबी बाउंड्रीज होने के चलते युजवेंद्र चहल एक विकल्प हो सकते हैं. अगर कोहली शंकर को डेब्यू करने का मौका देते हैं तो फिर उन्हें टीम के बैटिंग लाइअन अप में भी बदलाव करना पड़ेगा और उन्हें पांचवें गेंदबाजी के 10 ओवर्स पूरे करवाने के लिए केदार जाधव को भी प्लेइंग इलेवन में लाना होगा जिसके लिए अंबाती रायुडू या दिनेश कार्तिक में से किसी एक को बाहर बिठाना होगा लेकिन कोहली के लिए यह फैसला आसान नहीं होगा.
Friday 18 January 2019
India vs Australia 3rd ODI: मेलबर्न में जो जीता वही होगा सीरीज का सिकंदर!
टी20 सीरीज के साथ शुरू हुआ भारत को यह लंबा ऑस्ट्रेलिया दौरा अब अपने आखिरी मुकाम पर जा पहुंचा है. टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर मात देने वाली पहली भारतीय़ टीम बनने के बाद कोहली ऐंड कंपनी अब वनडे सीरीज में भी बराबरी पर है. एडिलेड में सीरीज का दूसरा मुकाबला जीतने के बाद अब जब टीम इंडिया मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर तीसरे वनडे और इस दौरे के आखिरी मुकाबले के लिए मैदान पर उतरेगी तो उसकी निगाहें जीत के साथ इस दौरे का शानदार अंत होने के साथ-साथ टेस्ट के बाद वनडे सीरीज में भी जीत हासिल कर इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप से पहले अपनी धाक जमाने पर भी लगी होंगी. क्या कहता है रिकॉर्ड सिडनी में सीरीज का पहले वनडे 34 रन से गंवाने के बाद भारत ने एडिलेड में दूसरा वनडे छह विकेट से जीतकर सीरीज के 1-1 की बराबरी पर खड़ा कर दिया है. भारतीय टीम अगर इस आखिरी वनडे में जीत हासिल तकते है तो यह तीसरा मौका होगा जब कोई टीम इंडिया वनडे सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर जीत हासिल करेगी. भारत ने इससे पहले 1985 में वर्ल्ड चैंपियनशिप और 2008 में सीबी सीरीज में जीत हासिल की थी. हालांकि यह दोनों ही बाइलेटरल सीरीज नहीं थीं. दरअसल यह दूसरा ही मौका है जब कोई भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में बाइलेटरल सीरीज खेल रही हो. इससे पहले साल 2016 में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में बाइलेटरल वनडे सीरीज खेली थी. उस सीरीज में भारत को 1-4 से हार का सामना करना पड़ा था. भारतीय टीम अगर मेलबर्न वनडे में जीत हासिल कर लेती है तो वह इस दौरे का अंत एक भी सारीज में हारे बिना करेगी. टेस्ट सीरीज जीतने के अलावा भारतीय टीम ने टी20 सीरीज को 1-1 से ड्रॉ कराने में कामयाबी हासिल की थी. क्या है कोहली की मुश्किल! जहां तक इस मुकाबले का सवाल है तो इस वनडे से पहले टीम इंडिया ने जिस तरह से एडिलेड में कमाल दिखाया वह तारीफ के काबिल है लेकिन भारत की परेशानी उसकी पांचवें गेंदबाज है. मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार जैसे तेज गेंदबाजों के साथ मिलकर रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव फिरकी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं लेकिन भारत के लिए असली चुनौती उस पांचवें गेंदबाज की जगह की भरने की है जो हार्दिक पांड्या के निलंबन चलते खाली हुई है. मुकाबले से पहले शिखर धवन ने भी यह बात कबूली है कि भारत को पांड्या की गैरमौजूदगी में सही टीम संयोजन बनाने में मुश्किल होगी. पांड्या की गैरहाजिरी में भारत ने खलील अहमद और मोहम्मद सिराज को पांचवें गेदंबाज के तौर पर पिछले दो मुकाबलों में जमाया लेकिन दोनों ही नाकाम साबित हुए. अंबाती रायुडू के एक्शन की शिकायत के बाद कप्तान कोहली उनसे गेंदबाजी कराना नहीं चाहेंगे. हालांकि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड के लंबी बाउंड्रीज होने के चलते युजवेंद्र चहल एक विकल्प हो सकते हैं. अगर कोहली शंकर को डेब्यू करने का मौका देते हैं तो फिर उन्हें टीम के बैटिंग लाइअन अप में भी बदलाव करना पड़ेगा और उन्हें पांचवें गेंदबाजी के 10 ओवर्स पूरे करवाने के लिए केदार जाधव को भी प्लेइंग इलेवन में लाना होगा जिसके लिए अंबाती रायुडू या दिनेश कार्तिक में से किसी एक को बाहर बिठाना होगा लेकिन कोहली के लिए यह फैसला आसान नहीं होगा.
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