भारत शुक्रवार से यहां होने वाले क्वालिफायर में पूर्व चैंपियन इटली को हराकर शुरुआती डेविस कप ग्रुप फाइनल्स में क्वालिफाई करने के लिए फॉर्म में चल रहे प्रजनेश गुणेश्वरन और अनुकूल घरेलू हालात पर निर्भर करेगा.आमूलचूल बदलाव के बाद अब डेविस कप में दुनिया भर से 12 क्वालिफायर टीमें नवंबर में मैड्रिड में होने वाले फाइनल्स में जगह बनाएंगी. भारत ने इटली के खिलाफ चार मैच गंवाए हैं और सिर्फ एक मुकाबले में जीत दर्ज की है और ऐसे में मेजबान टीम ने 16 साल बाद अपने पसंदीदा कलकत्ता साउथ क्लब (सीएससी) पर वापसी की है. सीएससी कोर्ट पर भारत ने आठ मुकाबले जीते हैं जबकि उसे सिर्फ दो बार हार का सामना करना पड़ा है. भारत ने यहीं इटली के खिलाफ भी अपनी एकमात्र जीत 1985 में विश्व ग्रुप के पहले दौर में दर्ज की थी. भारत को प्रारूप छोटे होने का भी फायदा मिल सकता है. क्वालीफायर के लिए दोनों टीमों में से एक की मेजबानी में होने वाले प्रारूप को बरकरार रखा गया है लेकिन मैच अब दो दिन में खेले जाएंगे. शुक्रवार को शुरुआती दो सिंगल्स मैच होंगे जबकि शनिवार को डबल्स और उलट सिंगल्स खेले जाएंगे. इसके अलावा मैच कड़े बेस्ट ऑफ फाइव की जगह बेस्ट ऑफ थ्री सेट में खेले जाएंगे जिससे उलटफेर की संभावना बढ़ जाती है. इटली के तीन खिलाड़ी शीर्ष 50 में शामिल हैं लेकिन इसके बावजूद वह इस मुकाबले को हल्के में नहीं ले सकता. भारत के गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति पहले ही कह चुके हैं कि मेजबान टीम के लिए कोई बहाना नहीं है और उनकी टीम अच्छी शुरुआत के लिए अपने शीर्ष रैंकिंग के सिंगल्स खिलाड़ी प्रजनेश (102) पर निर्भर करेगी. ऑस्ट्रेलिया ओपन के साथ ग्रैंडस्लैम में डेब्यू के बाद लौटे बायें हाथ के प्रजनेश ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ जीत में से एक ग्रास कोर्ट पर दर्ज की है जब उन्होंने कनाडा के डेनिस शापोवालोव को हराया था। शापोवालोव फिलहाल दुनिया के 25वें नंबर के खिलाड़ी हैं. सिंगल्स में जहां प्रजनेश से उम्मीदें होंगी वहीं सबसे अनुभवी भारतीय खिलाड़ी रोहन बोपन्ना डबल्स में वापसी कर रहे दिविज शरण के साथ मिलकर लय जारी रखना चाहेंगे. इन दोनों ने इसी महीने टाटा महाराष्ट्र ओपन का खिताब जीता था. भारत की राह हालांकि आसान नहीं होगी. इटली की चुनौती की अगुआई दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी मार्को सेचिनातो करेंगे, सेचिनातो ने पिछले साल क्ले कोर्ट पर दो एटीपी 250 खिताब जीते और अब यह देखना होगा कि इटली का शीर्ष रैंकिंग का यह खिलाड़ी घास के कोर्ट से कैसे सामंजस्य बैठाता है. दुनिया के 37वें नंबर के खिलाड़ी आंद्रियास सेप्पी इटली के सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं. टीम के पास ऑस्ट्रेलिया ओपन 2015 के विजेता साइमन बोलेली के रूप में विशेषज्ञ डबल्स खिलाड़ी मौजूद है जबकि 22 साल के मातियो बेरेटिनी टीम के सबसे युवा खिलाड़ी हैं
Thursday, 31 January 2019

Davis Cup 2019: ग्रास कोर्ट पर क्या फॉम में चल रही इटली को मात दे पाएगा भारत
भारत शुक्रवार से यहां होने वाले क्वालिफायर में पूर्व चैंपियन इटली को हराकर शुरुआती डेविस कप ग्रुप फाइनल्स में क्वालिफाई करने के लिए फॉर्म में चल रहे प्रजनेश गुणेश्वरन और अनुकूल घरेलू हालात पर निर्भर करेगा.आमूलचूल बदलाव के बाद अब डेविस कप में दुनिया भर से 12 क्वालिफायर टीमें नवंबर में मैड्रिड में होने वाले फाइनल्स में जगह बनाएंगी. भारत ने इटली के खिलाफ चार मैच गंवाए हैं और सिर्फ एक मुकाबले में जीत दर्ज की है और ऐसे में मेजबान टीम ने 16 साल बाद अपने पसंदीदा कलकत्ता साउथ क्लब (सीएससी) पर वापसी की है. सीएससी कोर्ट पर भारत ने आठ मुकाबले जीते हैं जबकि उसे सिर्फ दो बार हार का सामना करना पड़ा है. भारत ने यहीं इटली के खिलाफ भी अपनी एकमात्र जीत 1985 में विश्व ग्रुप के पहले दौर में दर्ज की थी. भारत को प्रारूप छोटे होने का भी फायदा मिल सकता है. क्वालीफायर के लिए दोनों टीमों में से एक की मेजबानी में होने वाले प्रारूप को बरकरार रखा गया है लेकिन मैच अब दो दिन में खेले जाएंगे. शुक्रवार को शुरुआती दो सिंगल्स मैच होंगे जबकि शनिवार को डबल्स और उलट सिंगल्स खेले जाएंगे. इसके अलावा मैच कड़े बेस्ट ऑफ फाइव की जगह बेस्ट ऑफ थ्री सेट में खेले जाएंगे जिससे उलटफेर की संभावना बढ़ जाती है. इटली के तीन खिलाड़ी शीर्ष 50 में शामिल हैं लेकिन इसके बावजूद वह इस मुकाबले को हल्के में नहीं ले सकता. भारत के गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति पहले ही कह चुके हैं कि मेजबान टीम के लिए कोई बहाना नहीं है और उनकी टीम अच्छी शुरुआत के लिए अपने शीर्ष रैंकिंग के सिंगल्स खिलाड़ी प्रजनेश (102) पर निर्भर करेगी. ऑस्ट्रेलिया ओपन के साथ ग्रैंडस्लैम में डेब्यू के बाद लौटे बायें हाथ के प्रजनेश ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ जीत में से एक ग्रास कोर्ट पर दर्ज की है जब उन्होंने कनाडा के डेनिस शापोवालोव को हराया था। शापोवालोव फिलहाल दुनिया के 25वें नंबर के खिलाड़ी हैं. सिंगल्स में जहां प्रजनेश से उम्मीदें होंगी वहीं सबसे अनुभवी भारतीय खिलाड़ी रोहन बोपन्ना डबल्स में वापसी कर रहे दिविज शरण के साथ मिलकर लय जारी रखना चाहेंगे. इन दोनों ने इसी महीने टाटा महाराष्ट्र ओपन का खिताब जीता था. भारत की राह हालांकि आसान नहीं होगी. इटली की चुनौती की अगुआई दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी मार्को सेचिनातो करेंगे, सेचिनातो ने पिछले साल क्ले कोर्ट पर दो एटीपी 250 खिताब जीते और अब यह देखना होगा कि इटली का शीर्ष रैंकिंग का यह खिलाड़ी घास के कोर्ट से कैसे सामंजस्य बैठाता है. दुनिया के 37वें नंबर के खिलाड़ी आंद्रियास सेप्पी इटली के सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं. टीम के पास ऑस्ट्रेलिया ओपन 2015 के विजेता साइमन बोलेली के रूप में विशेषज्ञ डबल्स खिलाड़ी मौजूद है जबकि 22 साल के मातियो बेरेटिनी टीम के सबसे युवा खिलाड़ी हैं
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