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Thursday, 24 January 2019

CBI चीफ नागेश्वर राव के केस से जस्टिस सीकरी ने खुद को अलग किया, बताए 'निजी कारण'

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को गुरुवार को अलग कर लिया. जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध की है. दूसरी बेंच अब इस मामले की सुनवाई करेगी. Justice AK Sikri recuses himself from hearing the plea filed by an NGO challenging M Nageshwar Rao’s appointment as the interim CBI director. Justice Sikri asks matter to be listed tomorrow. — ANI (@ANI) January 24, 2019 गुरुवार को जैसे ही मामला सुनवाई के लिए आया, जस्टिस सीकरी ने गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे को बताया कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते और खुद को इससे अलग कर रहे हैं. उन्होंने इस केस की सुनवाई न करने के लिए अपनी स्थिति और निजी कारणों का हवाला दिया. उन्होंने कहा, 'आप मेरी स्थिति समझते हैं, मैं इस मामले पर सुनवाई नहीं कर सकता.' जस्टिस सीकरी सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा को पद से हटाने वाली उच्चस्तरीय कमिटी का हिस्सा थे. बता दें कि इस केस की सुनवाई पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को करनी थी लेकिन उन्होंने भी सोमवार को खुद को इस केस से ये कहते हुए अलग कर लिया था कि उन्हें 24 जनवरी को होने वाली सीबीआई के नए डायरेक्टर को चुनने वाली मीटिंग में हिस्सा लेना है इसलिए वो इस केस की सुनवाई नहीं कर सकते. न्यूज18 की खबर के मुताबिक, दवे ने इसके बाद शिकायत की कि 'इसके बारे में रजिस्ट्री को एक दिन पहले ही जानकारी क्यों नहीं दी गई. पहले सीजेआई ने खुद को अलग कर लिया और अब जस्टिस सीकरी भी हमें नहीं सुन रहे.' जस्टिस सीकरी ने इसके जवाब में कहा कि ये सीजेआई का न्यायिक आदेश था कि ये ऑर्डर उनके सामने रखा जाए, इसलिए रजिस्ट्री संबंधित जज के आदेश के बिना इसे किसी और के सामने नहीं रख सकती थी. दवे ने कोर्ट में कहा कि सेलेक्शन कमिटी की मीटिंग गुरुवार को होनी है, अगर सीबीआई के नए डायरेक्टर पर फैसला ले लिया जाएगा, तो ये सारी प्रक्रिया बेकार हो जाएगी. दवे ने कहा, 'कोर्ट ने तब बहुत जल्दबाजी दिखाई थी, जब सेलेक्शन कमिटी की मीटिंग के लिए आदेश दिया गया था. आलोक वर्मा को हटाने का फैसला भी बहुत जल्दी ले लिया गया था लेकिन अब हम जब कोर्ट आ रहे हैं, तो हमारी सुनवाई तक नहीं हो रही.' जस्टिस सीकरी ने दवे की शिकायत पर कहा कि वो उनसे सहमत हैं और समझते हैं कि मामला बहुत गंभी है लेकिन वो अपने निजी कारणों की वजह से इस केस की सुनवाई नहीं कर सकते और इस केस को किसी और बेंच को ही देखना चाहिए. इसके बाद बेंच ने इस केस की सुनवाई के लिए शुक्रवार यानी 25 जनवरी का दिन तय किया.

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