कर्नाटक के बाद कांग्रेस शासित एक और राज्य मध्य प्रदेश पर सियासी संकट के बादल घिरने के आसार दिख रहे हैं. मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने एक महीने से थोड़ा ही ज्यादा समय हुआ है. लेकिन सरकार में सहयोगी उसे अभी से आंख दिखाने लगे हैं. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की विधायक रमाबाई अहिरवार ने चुनाव जीतकर आए दोनों विधायकों को कमलनाथ सरकार में मंत्री बनाने की मांग की. उन्होंने कांग्रेस को याद दिलाया कि उसकी सरकार मायावती के सहयोग से बनी है. पथरिया क्षेत्र की विधायक ने मंत्री नहीं बनाने पर कांग्रेस को यहां कर्नाटक संकट जैसे हालात बनने की धमकी दे डाली. BSP MLA Ramabai Ahirwar in Damoh,Madhya Pradesh:Congress govt in MP has been formed with support of Behen Ji (BSP Chief Mayawati).We demand ministerial berth for 2 BSP MLAs in Kamal Nath govt. We've seen the situation in Karnataka, we don’t want a similar situation here. (22.01) pic.twitter.com/bBCjBAql3b — ANI (@ANI) January 23, 2019 उन्होंने कहा कि अगर वो (कमलनाथ) हमें मंत्री नहीं बनाते तो मैं ही नहीं अन्य भी इसका विरोध करेंगे. उन्हें सबको (सहयोगियों) खुश रखना होगा. अगर वो चाहते हैं कि गठबंधन मजबूत रहे तो सबसे पहले उन्हें हमें मजबूत करना होगा. उन्हें हमें मंत्री बनाना चाहिए. BSP MLA Ramabai Ahirwar in Damoh,Madhya Pradesh: If they don't give us ministerial berth, then not only me but others also oppose. They need to keep everyone happy. If he wants to keep the party strong, then firstly, he must make us strong. He should give us the ministerial berth pic.twitter.com/8efyXpIw1K — ANI (@ANI) January 23, 2019 संजीव कुशवाहा को कैबिनेट मंत्री और खुद के लिए मांगा राज्य मंत्री का दर्जा यह पहली बार नहीं है जब बीएसपी विधायक रमाबाई अहिरवार ने कमलनाथ सरकार के लिए संकट खड़ा किया है. बीते 7 जनवरी को उन्होंने पार्टी विधायक संजीव कुशवाहा के लिए कैबिनेट मंत्री की जगह और खुद को राज्य मंत्री बनाने की मांग की थी. बता दें कि नवंबर 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के नतीजों में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थी. तब बहुमत से दूर कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के 2, समाजवादी पार्टी के 1 और 4 निर्दलीय विधायकों ने सरकार बनाने के लिए अपना समर्थन दिया था. बीएसपी सुप्रीम मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को मध्य प्रदेश और राजस्थान में बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया था. इसके बाद कांग्रेस के पास गठबंधन के तहत कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ था और उसने 15 वर्षों बाद उसने राज्य में अपनी सरकार बनाई थी.
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