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Monday 28 January 2019

बुलंदशहर हिंसाः आरोपी की पत्नी का दावा, पुलिस ने घर में खुद रखा शहीद इंस्पेक्टर का मोबाइल

बुलंदशहर हिंसा मामले में अब एक नया मोड़ सामने आ गया है. इस मामले में मुख्य आरोपी प्रशांत नट्ट की पत्नी ने अहम खुलासा किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आरोपी प्रशांत की पत्नी ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि उसके घर से इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का जो मोबाइल फोन जब्त किया गया है, वो रविवार को घर की तलाशी लेने आई पुलिस की टीम ने ही खुद रखा था. पुलिस इंस्पेक्टर सिंह का फोन अपने साथ लाई थी. Bulandshahr: Wife of Prashant Natt, accused in #BulandshahrViolence case arrested on 27 December, allege that the mobile phone of Inspector Subodh Kumar which was seized from their home y'day was kept there by the police team itself which had come to search the place.(27.01.2019) pic.twitter.com/njqrCvWOgA — ANI UP (@ANINewsUP) January 28, 2019 दरअसल मामले की जांच कर रही एसआईटी ने रविवार को बुलंदशहर हिंसा में भीड़ का शिकार हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का मोबाइल फोन मुख्य आरोपी प्रशांत नट्ट के घर से बरामद किया था. जांच टीम ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट द्वारा सर्च वारंट जारी करने के बाद प्रशांत के घर की तलाशी ली थी. जहां से मृतक पुलिस इंस्पेक्टर सिंह के मोबाइल फोन सहित कुल छह मोबाइल फोन बरामद किए गए. न्यूज 18 के अनुसार, बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने जब्त किए गए सामानों की पुष्टि की. जबकि एसआईटी का पूरा ध्यान अभी सुबोध सिंह की पिस्टल को पुनः प्राप्त करने पर है. एफआईआर में नाम आने के बाद ग्रेटर नोएडा से मुख्य आरोपी प्रशांत नट्ट को गिरफ्तार कर लिया गया था. अब तक इस मामले में 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के सिर में लगी थी गोली बीते 3 दिसंबर को, बुलंदशहर के स्याना के गांव महाव के बाहर खेतों में गौवंश के अवशेष मिले थे. जिसके बाद भीड़ आक्रोशित भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हमला कर दिया था. वहीं पुलिसकर्मी सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी के एक व्यक्ति सुमित कुमार इस हिंसा में गोली लगने से मारे गए थे. इंस्पेक्टर सिंह के सिर में गोली लगी थी. पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, भीड़ में दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के लोग थे, जिन्होंने पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए ले जाने से रोक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई. संदिग्धों में बीजेपी युवा मोर्चा, वीएचपी और बजरंग दल के सदस्य शामिल हैं.

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