मंगलवार तड़के से प्रयागराज में संगम तट पर साधु-संतों का सबसे बड़ा जमावड़ा लगने लगा. सबने संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का प्रण लिया. साधु-संतों को यह पुनर्विचार 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद शीर्षक (टाइटल) पर जारी कानूनी लड़ाई की सुनवाई का कार्यक्रम तय करने के बीच आया. कुंभ के दौरान अखाड़ों में राम मंदिर के पोस्टर दिखे और नारों की गूंज साफ सुनाई दे रही थी. स्वामी गिरिराज गिरिजी और अद्वैत भारती के अनुसार इसे लेकर अब विवाद नहीं और देश भर के साधु-संत नए सवेरे की उम्मीद में यहां एकत्रित हुए हैं. धूनी रमाए हुए संतों ने चर्चा में कहा, 'यह संतों और लोगों के लिए 'सच्चिदानंद' का क्षण है. हमारा मानना है कि भगवान राज्य और केंद्र दोनों जगह इस सरकार (बीजेपी) को सत्ता में इसलिए लाए ताकि लंबे समय से राम मंदिर की मांग वास्तविकता बन सके. यह क्षण हिंदू धर्म के लिए नींद से जागने जैसा है.' अनुयायियों में भगवान की झलक, सत्य, निर्वाण और ब्रह्मा की चेतना जगाने के लिए अखाड़ों और धार्मिक संगठनों ने 100 से अधिक विशाल टेंट (तंबू) लगाए हैं. अगले 50 दिनों के लिए इनमें राम और भागवत से जुड़ी कहानियां सुनाई जाएंगी. सेक्टर 6, 10, 11, 13, 14, 15, 16 और 17 में बने प्रत्येक टेंट में 12,000 से अधिक लोगों को रखा जा सकता है. कुंभ क्षेत्र में साधकों के लिए जूना अखाड़ा का टेंट सबसे बड़ा है, वहीं सेक्टर 16 में स्वामी जगन्नाथ ट्रस्ट द्वारा निर्मित शिविर में 8000 से अधिक लोग समाहित हो सकते हैं. चूंकि कुंभ आयोजन चेतना का सर्वोच्च शिखर है, अखाड़े राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा से पीछे नहीं हटते. उनके मुताबिक राजनीति और धर्म एक-दूसरे के पूरक हैं और पुजारियों और राजनेताओं को एकजुट होकर खंडित समाज को एकजुट करना चाहिए. [caption id="attachment_183698" align="alignnone" width="1002"] 15 जनवरी को कुंभ के पहले शाही स्नान पर अनुमानित रूप से सवा दो करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाई (फोटो: पीटीआई)[/caption] अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से समझौता नहीं करेंगे साधु-संत हालांकि, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, जिन्हें श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़ा ने 'महामंडलेश्वर' का अभिषेक किया, ने यह कहकर राम मंदिर पर बोलने से इनकार किया कि मामला अदालत में विचाराधीन है और वो संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए विवादित मुद्दे पर बयान देना उचित नहीं होगा. हालांकि, जूना अखाड़े की उमा गिरी ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और देश के हर संस्थान को इस प्रयास का समर्थन करना चाहिए. कुंभ आयोजन में लगभग हर जगह जगद्गुरु रामानंदाचार्य की होर्डिंग लगी है, जिसमें सरकार से राम मंदिर निर्माण का काम फौरन शुरू करने की मांग की गई है. अखाड़ों के अंदर निश्चित रूप से यह चर्चा है कि राजनीतिक नेतृत्व को संत समाज के मुद्दों के बारे में बार-बार याद दिलाने की जरूरत है. संतों के उठाए मुद्दों में से एक- हिंदी भाषी राज्यों में सड़क और अन्य विकास परियोजनाओं के लिए मंदिरों का तोड़ा जाना भी शामिल है. अवाहन अखाड़े के एक साधु ने कहा कि हाल में एक मंदिर तोड़ दिए जाने से कई साधु-संत बेघर हो गए हैं, लेकिन प्रशासन उस मंदिर की संपत्तियों का पुनर्वास नहीं कर पाया है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Sports
Popular Posts
-
सिजुआ: जोगता थाना अंतर्गत टाटा सिजुआ 12 नंबर निवासी विक्रम चौहान के आवास से शुक्रवार की दे from Jagran Hindi News - jharkhand:dhanbad http...
-
कादर खान काफी लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी
-
Lucknow : Uttar Pradesh Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya on Saturday said the state government is in favour of Uniform Civil Code,...
No comments:
Post a Comment