लिहाजा अब लाचार दिव्यांग प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगाने को लाचार हैं. अधिकारियों का भी इनके प्रति अब तक उदासीन रवैया रहा है. दशहरा बीतने के बाद अब सामने दीपावली है तो एर बार फिर यह सरकारी दरबारों में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे हैं. साहेबगंज में दिव्यांग पेंशन पाने के लिए बाबुओं के चक्कर लगा रहे हैं. सात महीनो से पेंशन बंद है. लाचार विवश दिव्यांग अब सूदूर गांवों से मुख्यालयों के चक्कर काट-काट थक चुके हैं पर कोई सुनने वाला नहीं.
दुर्गा पूजा जैसा पर्व बीतने के बाद अब इनके घरों में दीपावली कैसे मनेगी, इसकी इनको चिंता है. सरकारी दफ्तरों में पेंशन के लिए चक्कर लगा रहे कई दिव्यांगों के पास तो आय का दूसरा कोई सहारा भी नहीं है. पेंशन पर आश्रित विकलांग बताते हैं कि वह विभागों के चक्कर लगाने के बाद उपायुक्त से भी मिले हैं. इसके साथ ही दिव्यांग बताते है कि समाज कल्याण विभाग से राशि प्रखंडों में जाने के बाद स्थानीय अधिकारी पैसे निकालने में आनाकानी कर रहे हैं....
दुर्गा पूजा जैसा पर्व बीतने के बाद अब इनके घरों में दीपावली कैसे मनेगी, इसकी इनको चिंता है. सरकारी दफ्तरों में पेंशन के लिए चक्कर लगा रहे कई दिव्यांगों के पास तो आय का दूसरा कोई सहारा भी नहीं है. पेंशन पर आश्रित विकलांग बताते हैं कि वह विभागों के चक्कर लगाने के बाद उपायुक्त से भी मिले हैं. इसके साथ ही दिव्यांग बताते है कि समाज कल्याण विभाग से राशि प्रखंडों में जाने के बाद स्थानीय अधिकारी पैसे निकालने में आनाकानी कर रहे हैं....
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