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Monday 11 June 2018

कभी खिड़की से देखती थी रामलीला, आज अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमक रहा नाम

संस्कार भारती के कथक कार्यशाला में पहुंची श्रुति ने कहा कि उनके परिवार में ज्यादातर लोग डॉक्टर हैं। मां भी सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं। घरवाले चाहते थे कि मैं भी डॉक्टर बनूं।

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