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Monday, 11 June 2018

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कभी खिड़की से देखती थी रामलीला, आज अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमक रहा नाम

11_06_2018-10ami34_18066533_12492_sसंस्कार भारती के कथक कार्यशाला में पहुंची श्रुति ने कहा कि उनके परिवार में ज्यादातर लोग डॉक्टर हैं। मां भी सेवानिवृत्त डॉक्टर हैं। घरवाले चाहते थे कि मैं भी डॉक्टर बनूं।

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