रांची : अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) अधिनियम की रक्षा के लिए दलित और आदिवासी संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद के दौरान झारखंड में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई.
राजधानी रांची रणक्षेत्र में तब्दील हो गयी. पुलिस पर पथराव किया गया, तो जमशेदपुर में ट्रक को फूंक दिया गया. रांची वीमेंस कॉलेज के साइंस ब्लॉक के पास का नजारा किसी रणक्षेत्र से कम नहीं थी. यहां पुलिस और छात्र-छात्राओं के बीच जमकर हंगामा हुआ. झारखंड के अलग-अलग जिलों में बंद समर्थकों ने ट्रेनों का परिचालन ठप कर दिया. रांची में पुलिस और बंद समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई. वीमेंस कॉलेज बंद समर्थकों ने पुलिस पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया, तो पुलिस ने उन पर लाठियां बरसायीं और आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस की कार्रवाई में कई छात्रों के घायल होने की खबर है. झड़प में सिटी एसपी और डीएसपी समेत कम से कम 10 पुलिसकर्मी घायल हो गये. हटिया में टायर जलाकर सड़क को जाम कर दिया गया. बताया गया है कि जेल चौक के पास स्थित आदिवासी होस्टल के पास बंद समर्थक उत्पात मचा रहे थे. पुलिस ने रोका, तो आंदोलनकारी उग्र हो गये. पत्थरबाजी करने लगे. बंद समर्थकों को खदेड़ने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. पत्थरबाजी में कई बंद समर्थक और पुलिसकर्मी घायल हो गये. सिटी एसपी, सिटी डीएसपी समेत 8 से 10 पुलिसकर्मी घायल हो गये. जेल चौक के पास कुछ समय के लिए अफरा-तफरी मच गयी थी. पूरे झारखंड में सैकड़ों बंद समर्थकों को गिरफ्तार कर कैंप जेल भेज दिया गया. दोपहर के बाद स्थिति सामान्य हो गयी. सड़कों पर लगा जाम भी खत्म हो चुका है. आदिवासी होस्टल और जेल चौक के पास भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात कर दिया गया है. आदिवासी होस्टल से छात्र-छात्राओं को गिरफ्तार कर पुलिस कैंप जेल ले गयी. जमशेदपुर के पास हाइवे पर एक ट्रक में आग लग गयी. बताया जा रहा है बंद समर्थकों ने ट्रक को फूंक दिया है. कोडरमा में आंदोलन का असर सुबह से ही दिखने लगा. प्रदर्शनकारियों ने अहले सुबह करीब 5 बजे कोलकाता-नयी दिल्ली रेलखंड के यडुडीह हॉल्ट के पास रेल पटरी को जाम कर दिया. इसकी वजह से अप व डाउन दोनों रेल लाइनों पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया. नयी दिल्ली-कोलकाता राजधानी एक्सप्रेस करीब ढाई घंटे तक कोडरमा जंक्शन पर खड़ी रही. अन्य कई ट्रेनों को जहां-तहां खड़ा करना पड़ा. बाद में आरपीएफ और पुलिस बलों ने लोगों को समझा-बुझाकर पटरी से हटाया, तो करीब 7:30 बजे ट्रेनें अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई. डाल्टनगंज में बंद समर्थकों ने ट्रेन का परिचालन ठप किया. डाल्टनगंज बाइपास रोड को भी जाम किया. लोहरदगा जिला में भारत बंद का आंशिक असर पड़ा है. लंबी दूरी के वाहनों का परिचालन नहीं हुआ. बॉक्साइट की ढुलाई नहीं हुई. बाजार, सरकारी कार्यालय खुले रहे. पुलिस और प्रशासन ने जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं. भारत बंद के दौरान पतरातू रोड में भी दिखा बंद का असर. पिठोरिया में बंद कराने निकले समर्थकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार. पिठोरिया थाना क्षेत्र से 118 बंद समर्थकों की गिरफ्तारी हुई है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी एसटी एक्ट में संशोधन किए जाने के विरोध में भारत बंद को लेकर बगोदर में भी बंद को लेकर सुबह छह बजे सड़क पर उतरे. वही बंद का आह्वान अनुसूचित जाति-जनजाति एकता मंच के द्वारा किया गया है. इनके समर्थन में झाविमो, भाकपा माले के अन्य घटक दल ने भी किया है. बेरमो के फुसरो बाजार में जुलूस निकालकर लोगों ने SC/ST Act में बदलाव के विरोध में जुलूस निकाला. जुलूस में शामिल सैकड़ों लोगों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की. ललपनिया क्षेत्र में भी बंद का दिखा असर. झामुमो, झाविमो, आजसू सहित विभिन्न संगठनों के लोग बंद में शामिल हुए. गांधीनगर क्षेत्र में भी बंद का व्यापक असर देखा गया. हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड में एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में सड़क जाम, बाजार बंद. गोमिया मे बंद समर्थक ने निकाला बाइक जुलूस. नावाडीह में बंदी असरदार. वाहनों की लगी लंबी कतार. आदिवासी दलित मोर्चा के लोग सड़क पर उतरे. भारत बंद के समर्थन में चतरा जिला झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रखंड मुख्यालयों सहित जिला मुख्यालय के केसरी चौक पर झंडा बैनर के साथ दुकानें बंद करवा दी.
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