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Sunday 7 January 2018

सरकार ने गरीब छात्रों को दिये 500 रु., बैंक ने काट लिए 200 रु.



हजारीबाग : मीनिमम बैंक अकाउंट को लेकर अब तलवार वैसे खाताधारियों पर भी एसबीआई ने लटका दी है, जिस खाते के लाभुकों को सरकारी मदद मिल रही है। विभिन्न सरकारी योजनाओं की छोटी राशि से जिंदा ऐसे लाभुकों की रकम में कटौती की शिकायतों के बाद अब वैसे सरकारी स्कूलों के हजारों गरीब बच्चों पर भी बैंक की गाज गिर गयी है, जिन्हे पठन-पाठन में प्रोत्साहन के तौर पर सरकार से 500 रुपये की मदद दी जा रही है।
यह रकम उनके पठन-पाठन किट के लिये है। लेकिन बैंक ने मिलनेवाले इस रकम पर भी मीनिमम एकाउंट बैलेंस के नाम पर 190.50 रुपये की कटौती कर दी। इसने छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों में भी असंतोष पैदा कर दिया है। क्योंकि सरकार की ओर से सीधे छात्रों के एकाउंट में पैसा डालने के लिये हर छात्र के नाम से एकाउंट खुलवाया गया था, यह सोचकर कि बिचौलियों से दूर पूरा पैसा पांच सौ की राशि उन तक पहुंच जाए। अब एसबीआइ ने ही उसमें नजरें लगा दी है।
06 दिसंबर, 2017 को पांच सौ के बदले 399.50 रुपए ही बैंक ने क्रेडिट किया है। इसमें 100 रु. की वह राशि भी शामिल है, जो छात्र ने खाता खुलवाने के वक्त जमा की थी। मीनिमम एकाउंट बैंलेंस के कारण 190.50 रुपए काट लिये जाने की जानकारी भी खाता अपडेट कराने पर दी गयी है। 
इससे बच्चों के साथ अभिभावक भी परेशान हैं कि एक तो यह रकम पहले से कम है, जिससे उन्हें जूता-मोजा, बैग खरीदना मुश्किल हो रहा था और अब इसमें से भी बैंक ने मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर अच्छी खासी रकम काटकर और मुश्किल पैदा कर दी है।

अभी तक नवादा बैंक से जुडे़ कटकमदाग प्रखंड के बच्चों के अभिभावक सामने आये हैं, जिसके बाद कई स्कूलों के प्राचार्य ने बीइइओ से इसकी शिकायत की है। रकम कटने से सबसे बड़ी परेशानी यह भी है कि अभिभावक न पांच सौ रुपए के अपने खर्च का हिसाब भी अब दे सकेंगे, क्योंकि उनसे 500 के खर्च का हिसाब मांगा जा रहा है।
छात्रों के साथ गलत हुआ, बैंक अधिकारी से करेंगे बात : बीइइओ 
कटकमदाग के बीइइओ जगरन्नाथ प्रसाद ने बताया कि आधार से खाता अभी लिंक होने के बाद 2016-17 के किट का पैसा 25 लाख रुपया जारी किया गया है। बैंकों को प्रति छात्र सरकारी खाते में पांच सौ रुपए क्रेडिट करना है। मीनिमम बैलेंस के नाम पर यह रकम काटी गयी है, तो बहुत गलत है। स्कूल की ओर से शिकायतें मिली हैं। अभी तक नवादा एसबीआइ से जुड़े स्कूलों ने ऐसी शिकायत की है। वे बैंक अधिकारी से इसपर बात करेंगे।

मिनिमम एमाउंट जरूरी : प्रबंधक, एसबीआई
नवादा स्थित एसबीआइ बैंक की मैनेजर ज्योत्सना श्रेया से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि एसबीआइ ने कई सारे नियमों में फेरबदल किया है। उसी में अब उसके कोई भी एकाउंट में मीनिमम बैलेंस रहना जरूरी हो गया है। यह राशि नहीं रही तो पैसा आने पर मीनिमम एकाउंट बैंलेंस के लिये अपना रकम बैंक काटेगी और उसी सिस्टम में यह रकम खुद ब खुद कट जा रही है।

सरकारी मदद के खातों से पेनाल्टी काटना गलत : मैनेजर, लीड बैंक लीड बैंक बीओआइ बैंक के लीड मैनेजर एनके सिंह कहते हैं कि सरकारी मदद के खातों से एमएबी यानी मीनिमम एकाउंट बैलेंस का पेनाल्टी काटना गलत है। उनके बैंक के कई सरकारी खातों से यदि रकम कटती भी है तो तत्काल उनके खातों में बैंक की ओर से यह रकम लौटा भी दी जाती है, क्योंकि सरकारी खातों को उनकी मदद के लिये खोला गया है और हमारे यहां ऐसी कोई समस्या नहीं है।

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