पलामू (झारखंड)। यहां प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के दस लाख रुपए के इनामी नक्सली एनुल मियां उर्फ गोविंद ने बुधवार को डीआईजी विपुल शुक्ला के सामने सरेंडर कर दिया। एनुल के अलावा एक अन्य नक्सली संगठन टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) के भी एक हार्डकोर नक्सली अजय सहाय उर्फ रोशन ने हथियार डाले।
- पलामू पुलिस इसे अपनी एक बड़ी कामयाबी मान रही है। एनुल उर्फ गोविंद पर राज्य सरकार ने दस लाख रुपए का इनाम रखा था।
- 52 वर्षीय गोविंद के खिलाफ पलामू जिले के हरिहरगंज, पिपरा, औरंगाबाद, मोहम्मदगंज इत्यादि जगहों में कुल 21 मुकदमे दर्ज हैं।
- वहीं 30 वर्षीय रौशन के खिलाफ 24 मुकदमे विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं। टीपीसी नक्सली अजय साव उर्फ रोशन चैनपुर और रामगढ़ आदि जंगली क्षेत्रों में सक्रिय था।
- मौके पर डीआईजी विपुल शुक्ला ने ऑपरेशन नई दिशा के तहत एनुल मियां को उसपर घोषित इनाम की राशि के रूप में दस लाख रुपए का चेक सौंपा।
- इस अवसर पर पलामू के कमिश्नर राजीव अरुण एक्का, डिप्टी कमिश्नर अमित कुमार और एसपी इंद्रजीत महथा समेत अन्य ऑफिसर्स मौजूद रहे।
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2005 में बन गया था नक्सली, अभी था जोनल कमांडर
- पलामू के एसपी इंद्रजीम महथा ने बताया कि दस लाख का इनामी माओवादी एनुल मियां वर्ष 2005 में नक्सली बन गया था। उस समय वह एरिया कमिटी का सदस्य बनाया गया था। यह प्लाटून 29 दस्ता का मेंबर था, जिसका सचिव विनय यादव उर्फ मुराद उर्फ गुरुजी हुआ करता था।
- वर्तमान में एनुल संगठन में जोनल कमांडर के पद पर था। एनुल शादी-शुदा है। उसकी पत्नी सरवरी खातून है। उसे तीन बेटे और एक बेटी है। नक्सली बनने से पहले इसकी एक कपड़े की दुकान थी।
- पुलिस का दावा है कि एनुल मियां के सरेंडर से नक्सलियों को मध्य जोन (कोयल-सोन) में एक बड़ा झटका लगा है और इनका आधार स्तंभ ढ़ह गया है।
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