चतरा सन्मार्ग संवाददाता। 24 अक्टूबर को डीआरडीए के प्रशिक्षण भवन में अफीम(पोस्ता) खेती उन्मुलन को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त संदीप कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने उक्त खोती के उन्मुलन पर पदाधिकारिों को कई दिशा निर्देश दिए। उपायुक्त श्री सिंह ने कहा कि सरकार का निर्देश है कि अफीम की खेती वाले स्थानो को चिन्हीत कर सख्त कानूनी कारवाई करें। उन्होंने आगे कहा कि जिस भूमि पर होगी अफीम की खेती उसके खिलाफ सेक्शन 47 और एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कारवाई की जाएगी। इस अवैध कार्य की सूचना मुखिया, वनरक्षी, अंचल कर्मी को सम्बंधित थाना व जिम्मेदार पदाधिरियों को देनी होगी। वहीं एसपी श्री झा ने एनडीपीएस और सेक्शन 47 का उल्लेख करते हुए कहा कि एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति को दस साल के सजा का प्रावधान है। जिस क्षेत्र में अफीम की खेती होगी और जिस भूमि पर होगी, अगर रैती भूमि पर होगी तो रैयत की संलिप्तता मानी जाएगी, गैर मजरूआ भूमि पर अफीम की खेती हुई तो अंचल कर्मी और फॉरेस्ट की भूमि पर अफीम की खेती होगी तो फॉरेस्ट कर्मी की संलिप्तता मान कर कानूनी करवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त जिस गांव पंचायत में अफीम की खेती होगी उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पर प्रावधानों के अनुसार कानूनी करवाई निश्चित रूप से होगी। अफीम से जहां देश के युवा शक्ति को घुन लगा रहा है, जो देश की भविष्य निर्माता और शक्ति हैं, वहीं यह काम गैर कानूनी भी है। दोनो अधिकारियों ने कहा कि अफीम की तस्करी में जो लोग हैं उन्हें चिन्हित करें। जवाबदेही से गुरेज करने वालों के खिलाफ चेतावनी भरे लहजे में कहा गया कि कानूनी प्रावधानों के तहत निश्चित रूप से उन पर भी करवाई की जाएगी। अफीम की खेती और अफीम की तस्करी से जिले को मुक्त कराने की जिम्मेदारी हम सब की है। कार्यशाला में डीसी व एसपी के अलावे, दोनो प्रक्षेत्र के डीएफओ, एसडीओ सिमरिया, चतरा सहीत सभी सीओ, बीडीओ, थानेदार व जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
चतरा सन्मार्ग संवाददाता। 24 अक्टूबर को डीआरडीए के प्रशिक्षण भवन में अफीम(पोस्ता) खेती उन्मुलन को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त संदीप कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने उक्त खोती के उन्मुलन पर पदाधिकारिों को कई दिशा निर्देश दिए। उपायुक्त श्री सिंह ने कहा कि सरकार का निर्देश है कि अफीम की खेती वाले स्थानो को चिन्हीत कर सख्त कानूनी कारवाई करें। उन्होंने आगे कहा कि जिस भूमि पर होगी अफीम की खेती उसके खिलाफ सेक्शन 47 और एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कारवाई की जाएगी। इस अवैध कार्य की सूचना मुखिया, वनरक्षी, अंचल कर्मी को सम्बंधित थाना व जिम्मेदार पदाधिरियों को देनी होगी। वहीं एसपी श्री झा ने एनडीपीएस और सेक्शन 47 का उल्लेख करते हुए कहा कि एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति को दस साल के सजा का प्रावधान है। जिस क्षेत्र में अफीम की खेती होगी और जिस भूमि पर होगी, अगर रैती भूमि पर होगी तो रैयत की संलिप्तता मानी जाएगी, गैर मजरूआ भूमि पर अफीम की खेती हुई तो अंचल कर्मी और फॉरेस्ट की भूमि पर अफीम की खेती होगी तो फॉरेस्ट कर्मी की संलिप्तता मान कर कानूनी करवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त जिस गांव पंचायत में अफीम की खेती होगी उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पर प्रावधानों के अनुसार कानूनी करवाई निश्चित रूप से होगी। अफीम से जहां देश के युवा शक्ति को घुन लगा रहा है, जो देश की भविष्य निर्माता और शक्ति हैं, वहीं यह काम गैर कानूनी भी है। दोनो अधिकारियों ने कहा कि अफीम की तस्करी में जो लोग हैं उन्हें चिन्हित करें। जवाबदेही से गुरेज करने वालों के खिलाफ चेतावनी भरे लहजे में कहा गया कि कानूनी प्रावधानों के तहत निश्चित रूप से उन पर भी करवाई की जाएगी। अफीम की खेती और अफीम की तस्करी से जिले को मुक्त कराने की जिम्मेदारी हम सब की है। कार्यशाला में डीसी व एसपी के अलावे, दोनो प्रक्षेत्र के डीएफओ, एसडीओ सिमरिया, चतरा सहीत सभी सीओ, बीडीओ, थानेदार व जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
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